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ऋषिकेश: नमामि गंगा के महानिदेशक ने लिया परियोजना के तहत हुए कार्यों का जायजा, जताया संतोष

केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना नमामि गंगे के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने शुक्रवार को ऋषिकेश पहुंचकर परियोजना के तहत हुए कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने चंद्रेश्वर नगर में बने सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया। उन्होंने पांच मंजिला इस सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की कार्य क्षमता को देखकर संतोष जताया।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 01:50 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 01:50 PM (IST)
ऋषिकेश: नमामि गंगा के महानिदेशक ने लिया परियोजना के तहत हुए कार्यों का जायजा, जताया संतोष
नमामि गंगा के महानिदेशक ने लिया परियोजना के तहत हुए कार्यों का जायजा।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। केंद्र की महत्वाकांक्षी परियोजना नमामि गंगे के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्र ने शुक्रवार को ऋषिकेश पहुंचकर परियोजना के तहत हुए कार्यों का जायजा लिया। साथ ही परियोजना के तहत ऋषिकेश क्षेत्र में बनाए गए तीन सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की कार्यक्षमता पर संतोष जताया। इसके बाद वो हरिद्वार के लिए रवाना हो गए। 

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महानिदेशक राजीव रंजन ने ऋषिकेश के चंद्रेश्वर नगर में बने सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया। पांच मंजिला इस सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की कार्य क्षमता देखकर उन्होंने इस पर संतोष जताया। कहा कि परियोजना निर्माण के दौरान वे कई बार यहां आए, मगर अब जबकि सभी एसटीपी के निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है, तब इनकी कार्यक्षमता परखना भी जरूरी था। कहा कि गंगा में मिलने वाले दूषित नालों को रोकना और शोधित करना एक बड़ी चुनौती था। नमामि गंगे परियोजना इस दिशा में काफी हद तक सफल रही है। 

महानिदेशक ने कहा कि ऋषिकेश व हरिद्वार शहर में दूषित नालों को रोकने और सीवर शोधन के लिए पर्याप्त क्षमता के एसटीपी बनाए गए हैं। ऋषिकेश में लक्कड़घाट का एसटीपी 26 एमएलडी का बनाया गया है, जो अपने आप में बहुत बड़ा प्लांट है। इसके अलावा चोरपानी (ढालवाला) में पांच एमएलडी व चंद्रेश्वर नगर में 7.500 एमएलडी के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट आसपास की आबादी की अगले कई सालों की जरूरत पूरी कर सकते हैं। 

कहा कि सभी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बेहतर ढंग से कार्य कर रहे हैं। उच्च स्तर पर इनकी नियमित रूप से मॉनीटरिंग भी की जा रही है। कहा कि सीवर लाइन से वंचित विभिन्न क्षेत्रों को क्लाइमेट प्रूफिंग प्रोजेक्ट (केएफडब्लू) से जोड़ने का काम किया जाएगा। उन्होंने मुनिकीरेती-तपोवन के बीच सीवर लाइन बिछाने के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारियों को प्राक्कलन तैयार करने के निर्देश भी दिए। इस मौके पर नमामि गंगे के डायरेक्टर टेक्निकल परवीन मोतियार, मुख्य अभियंता सीपी रस्तोगी, परियोजना निदेशक एके चतुर्वेदी, सचिन कुमार, परियोजना इंजीनियर सुनील कुमार, आरके सिंह, सहायक अभियंता जल संस्थान हरीश बंसल, सिंचाई विभाग कमल सिंह आदि मौजूद थे।

वन विभाग अनुमति देगा तो संजय झील पर करेंगे काम

नमामि गंगे के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्र ने कहा कि रंभा नदी के शोधन के साथ संजय झील के निर्माण को भी प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। यह भूमि वन विभाग की है, इसलिए उसे पत्र भेजा गया है। अनुमति मिलने पर संजय झील का निर्माण नमामि गंगे परियोजना के तहत किया जाएगा। विदित हो कि राजकीय महाविद्यालय के समीप इस झील को विकसित करने के लिए नगर निगम ऋषिकेश की महापौर अनीता ममगाईं की ओर से नमामि गंगे परियोजना को प्रस्ताव भेजा गया था।

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