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मांगों को लेकर डायट डीएलएड प्रशिक्षितों ने सरकार के खिलाफ बुलंद की आवाज

डायट डीएलएड प्रशिक्षितों ने बुधवार को सचिवालय कूच किया। उन्होंने प्राथमिक शिक्षक भर्ती की हाईकोर्ट में पैरवी तेज करते हुए इसी माह भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने की मांग की।उत्तराखंड द्विवर्षीय डायट डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार संगठन के बैनर तले प्रशिक्षितों ने बुधवार सुबह सचिवालय कूच किया।

By Sumit KumarEdited By: Published: Thu, 15 Jul 2021 04:40 PM (IST)Updated: Thu, 15 Jul 2021 04:40 PM (IST)
मांगों को लेकर डायट डीएलएड प्रशिक्षितों ने सरकार के खिलाफ बुलंद की आवाज
डायट डीएलएड प्रशिक्षितों ने बुधवार को सचिवालय कूच किया।

जागरण संवाददाता, देहरादून: डायट डीएलएड प्रशिक्षितों ने बुधवार को सचिवालय कूच किया। उन्होंने प्राथमिक शिक्षक भर्ती की हाईकोर्ट में पैरवी तेज करते हुए इसी माह भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने की मांग की।उत्तराखंड द्विवर्षीय डायट डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार संगठन के बैनर तले प्रशिक्षितों ने बुधवार सुबह सचिवालय कूच किया। हालांकि, इन्हें सचिवालय गेट से पहले ही पुलिस ने बैरिके¨डग लगाकर रोक लिया।

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इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने वहां सेव डायट के नारे लगाकर प्रदर्शन किया। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष पवन मुस्यूनी ने कहा कि राज्य में प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए नवंबर 2020 में विज्ञापन निकला था। जिसकी भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद मामला हाईकोर्ट में चला गया और मामला लटक गया। इस पर अधिकारी पैरवी नहीं कर रहे हैं, जिस कारण ये मामला लंबित पड़ा हुआ है। पैरवी कर रहे अधिकारी कभी कोविड तो कभी अन्य बातों को हवाला दे रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि निदेशक के आदेश के अनुसार इसमें जल्द डाटा एंट्री का काम पूरा कर लिया जाए। साथ ही हाईकोर्ट में पैरवी कर इसी माह भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए। उन्होंेने कहा कि सरकार पर दबाव बनाने के लिए छात्र चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने अपना मांग पत्र सचिवालय प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को प्रेषित किया। इस दौरान शुभम साह, दीक्षा राणा, हिमांशु जोशी, जितेंद्र, शैलेश और गौरव आदि शामिल रहे।

27 जुलाई से प्रदेशभर में तीनों निगम के सभी कार्यालयों में हड़ताल

देहरादून: अपनी मांगों को लेकर मुखर ऊर्जा के तीनों निगमों के कार्मिकों ने 27 जुलाई से हड़ताल का एलान किया है। कार्मिकों में चार साल से एसीपी की पुरानी व्यवस्था लागू न किए जाने से आक्रोश है। साथ ही वह उपनल के माध्यम से नियुक्त कर्मियों को समान कार्य के लिए समान वेतन देने और नियमितीकरण की मांग भी कर रहे हैं।

बुधवार को ऊर्जा के तीनों निगमों में कार्मिकों ने विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले गेट मीटिंग कर आंदोलन की रणनीति पर चर्चा की। इस दौरान शासन और निगम प्रबंधनों की ओर से कार्मिकों की अनदेखी पर रोष जताते हुए हड़ताल का एलान किया गया। मोर्चा के संयोजक इंसारुल हक ने कहा कि वर्ष 2017 में ऊर्जा निगम के काíमक आंदोलनरत थे, तब 22 दिसंबर 2017 को काíमकों के संगठनों व सरकार के बीच द्विपक्षीय समझौता हुआ था। आज तक उस समझौते पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। कहा कि सातवें वेतन आयोग में 9-5-5 की एसीपी व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया। जो कि उन्हें उत्तर प्रदेश के समय से ही मिल रही थी। यही नहीं, पे मैटिक्स में भी काफी छेड़खानी की गई। इससे पूर्व काíमक संगठन मुख्यमंत्री के आश्वासन व कोविड महामारी के कारण 27 मई को प्रस्तावित आंदोलन से पीछे हट गए थे। लेकिन, तमाम प्रयासों के बावजूद शासन की ओर से कोई पहल न किए जाने से कार्मिकों में रोष है। ऐसे में 27 जुलाई से पूर्ण हड़ताल का एलान किया गया है।

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कर्मचारियों ने भरी हुंकार

उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन के अध्यक्ष राकेश शर्मा, पंकज सैनी, बिजली कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विनोद ध्यानी, हाइड्रोइलेक्टिक एंप्लाइज यूनियन के अध्यक्ष केहर सिंह, उत्तरांचल पावर इंजीनियर एसोसिएशन के महासचिव अमित रंजन, उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष आनंद सिंह रावत, आरक्षित वर्ग ऊर्जा एसोसिएशन से विवेक कुमार, भानु प्रकाश जोशी, मोहम्मद अनीस, भगवती प्रसाद, विनोद कवि ने कर्मचारियों और अधिकारियों से एकजुट होकर आंदोलन में शामिल होने की अपील की।

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