दिल्ली में उत्तराखंड सदन के बाहर धीरेंद्र प्रताप ने किया सत्याग्रह, स्वाति की याद में जलाए दिये
उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने दिल्ली के उत्तराखंड सदन के बाहर सांकेतिक सत्याग्रह किया। साथ ही स्वाति ध्यानी को श्रद्धांजलि दी।
देहरादून, जेएनएन। इलाज के अभाव में प्रसूता स्वाति ध्यानी की मौत को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने दिल्ली के उत्तराखंड सदन पर सत्याग्रह किया। उन्होंने स्वाति की याद में दिये जलाए और आंदोलनकारियों ने दो मिनट का मौन रखा। धीरेंद्र प्रताप ने सरकार से तत्काल पूर्णकालिक स्वास्थ्य मंत्री नियुक्त किए जाने की मांग की है।
आपको बता दें कि प्रसूता स्वाति ध्यानी की हाल में 28 जून को रिखणीखाल गढ़वाल में इलाज के अभाव में मौत हो गई थी। इसे लेकर उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने दिल्ली के उत्तराखंड सदन के बाहर सांकेतिक सत्याग्रह किया। सत्याग्रह करते हुए पत्रकारों से बातचीत में धीरेंद्र प्रताप ने सरकार से मांग की कि वह उत्तराखंड में तत्काल एक पूर्णकालिक स्वास्थ्य मंत्री को नियुक्त करें। धीरेंद्र ने कहा कि सरकार को उन करोड़ों रुपये का हिसाब भी जनता को देना चाहिए जो दिल्ली से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन(एनएचएम) द्वारा प्रदेश के लिए भेजे गए हैं।
उन्होंने कहा कि स्वाति ध्यानी के साथ-साथ पिछले दिनों किच्छा में इलाज के अभाव में हुई प्रसूता पार्वती देवी की मौत की न्यायिक जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की मातृशक्ति ने परिश्रम करके राज्य बनाया था और आज राज्य के 20 साल बनने के बाद भी प्रसूता मातृशक्ति का जच्चा और बच्चा बचेगा, इसे विश्वास के साथ नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने सरकार से राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को उच्च प्राथमिकता दिए जाने की भी मांग की।
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इस मौके पर धीरेंद्र प्रताप के नेतृत्व में स्वर्गीय स्वाति ध्यानी और पार्वती देवी की याद में सत्याग्रहियों ने दिए जलाए और दो मिनट का मौन भी रखा। सत्याग्रह में शामिल होने वालों में धीरेंद्र प्रताप के अलावा उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी महिला समिति की अध्यक्ष उमा जोशी, राज्य आंदोलन में गोली से गंभीर रूप से घायल हुए उमेश रावत राज्य आंदोलनकारी आर्य रूप शिखा शर्मा, विक्रांत प्रताप और शिविका प्रताप के साथ ही डब्बू सोलंकी प्रमुख रूप से शामिल थे।
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