कोटद्वार में सिद्धबली मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालु, बाबा से की सुख-समृद्धि की कामना
श्री सिद्धबली महोत्सव के अंतिम दिन रविवार को श्री सिद्धबाबा के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने बाबा से अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हुए मन्नत भी मांगी। सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था।
संवाद सहयोगी, कोटद्वार: श्री सिद्धबली महोत्सव के अंतिम दिन रविवार को श्री सिद्धबाबा के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने बाबा से अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हुए मन्नत भी मांगी। सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। यह क्रम शाम तक बना रहा। श्रद्धालुओं ने लाइन में लगकर बाबा के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया।
वहीं, श्रद्धालुओं ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण कर पुण्य भी अर्जित किया। भंडारे के लिए भी श्रद्धालुओं को लाइन में लगकर अपने समय का इंतजार करना पड़ा। बाहरी राज्यों से भी श्रद्धालु मंदिर में बाबा के दर्शन करने के लिए पहुंचे। बिजनौर जनपद से आए कई श्रद्धालुओं का कहना था कि गढ़वाल के साथ ही बिजनौर क्षेत्र में भी सिद्धबली मंदिर आस्था का प्रतीक है। वे पूर्व में भी कई मर्तबा रविवार को अपने परिवार के साथ सिद्धबाबा के दर्शनों को आते रहते हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर में मांगी गई सभी मन्नत पूर्ण होती हैं। उधर, मंदिर परिसर में व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस भी तैनात रहा।
यह भी पढ़ें- दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर एलिवेटेड रोड से सुगम होगा आमजन का सफर
तीन दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न
द्वारीखाल ब्लाक के संकुल ठंठोली के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों की सामुदायिक सहभागिता एवं विद्यालय प्रबंधन समिति का तीन दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हो गया।
राजकीय इंटर कालेज सिलोगी में आयोजित प्रशिक्षण शिविर में समग्र शिक्षा का परिचय व उद्देश्य, शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के मुख्य प्रावधान, बाल अधिकार और बालिका शिक्षा सहित विभिन्न मुद्दों पर परिचर्चा की गई।
इस मौके पर प्रधानाचार्य वीके सिंह, सीआरसी समन्वयक दिनेश गुसाई, संदर्भदाता सुभाष भंडारी ने प्रशिक्षणार्थियों को संबंधित विषयों पर जानकारी दी। प्रशिक्षण में संकुल ठंठोली के 17 प्राथमिक, एक उच्च प्राथमिक और तीन माध्यमिक विद्यालयों की समितियों के सदस्यों ने प्रतिभाग किया।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड में कोरोना से सात माह पहले हुई मौत अब की गई रिपोर्ट