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उत्तराखंड: भू-उपयोग परिवर्तन की दरों का निर्धारण, सात श्रेणियों में ये दरें सर्किल रेट के 10 से 15 प्रतिशत के बीच तय

विभिन्न प्रकार की भूमि के उपयोग परिवर्तन के लिए दरों का निर्धारण कर दिया गया है। सात श्रेणियों में ये दरें सर्किल रेट के 10 से 15 प्रतिशत के बीच तय की गई हैं। सचिव आवास शैलेश बगौली ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 01:26 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 01:26 PM (IST)
उत्तराखंड: भू-उपयोग परिवर्तन की दरों का निर्धारण, सात श्रेणियों में ये दरें सर्किल रेट के 10 से 15 प्रतिशत के बीच तय
उत्तराखंड: भू-उपयोग परिवर्तन की दरों का निर्धारण।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। नगरीय क्षेत्रों में महायोजना में विभिन्न प्रकार की भूमि के उपयोग परिवर्तन के लिए दरों का निर्धारण कर दिया गया है। सात श्रेणियों में ये दरें सर्किल रेट के 10 से 15 प्रतिशत के बीच तय की गई हैं। सचिव आवास शैलेश बगौली ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं।

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नगरीय क्षेत्रों की महायोजना में भू-उपयोग परिवर्तन की दरों के निर्धारण के संबंध में लंबे समय से विचार चल रहा था। अब शासन ने इनका निर्धारण कर दिया है। सचिव आवास की ओर से जारी आदेश के मुताबिक कृषि एवं हरित क्षेत्र की भूमि का परिवहन एवं संचार, मनोरंजन व पर्यटन, सार्वजनिक व अद्र्धसार्वजनिक, आवासीय, औद्योगिक और व्यवसायिक उपयोग के लिए परिवर्तन को भूखंड पर सर्किल रेट का 10 से 15 प्रतिशत शुल्क लिया जाएगा।

इसी तरह परिवहन एवं संचार, मनोरंजन एवं पर्यटन, सार्वजनिक एवं अद्र्ध सार्वजनिक और औद्यागिक श्रेणियों की भूमि के उपयोग परिवर्तन को भी सर्किल रेट का 10 से 15 प्रतिशत शुल्क रखा गया है। आवासीय श्रेणी की भूमि का सूक्ष्म उद्योग के लिए सर्किल रेट का 20 प्रतिशत, लघु, मध्यम एवं वृहद उद्योग के लिए शत-प्रतिशत शुल्क देय होगा।

धामी ने किया स्मारिका का विमोचन

राज्य ब्यूरो, देहरादूनमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को अपने आवास पर आयोजित कार्यक्रम में डांडी कांठी क्लब की स्मारिका 'दृढ़ संकल्प' का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मारिका में उत्तराखंड की संस्कृति व उत्तराखंड आंदोलन की गाथा को समाहित करने के साथ ही स्थानीय परंपराओं व स्थानीय पर्वों के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया गया है।

क्लब के अध्यक्ष विजय भूषण उनियाल ने कहा कि क्लब का उद्देश्य सामाजिक सरोकारों को बढ़ावा देना रहा है। उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को विश्व पटल पर रखने का भी प्रयास है। इस अवसर पर क्लब के महासचिव कृष्णानंद भट्ट, लोक गायक चंद्र दत्त सुयाल, पार्षद कविंद्र सेमवाल, नरेश रावत, ललित मोहन लखेड़ा, प्रकाश बडोनी, राम चमोली, राजनीश सेमवाल, राकेश पुरोहित, विजेंद्र सजवाण, नीरज जोशी, कुलदीप नेगी आदि उपस्थित थे।

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