प्रशासन के खौफ से खुद तोड़ने लगे अतिक्रमण
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद ऋषिकेश क्षे
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :
उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद ऋषिकेश क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के आदेश के अनुपालन में प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। प्रशासन की सख्ती के बाद अब लोग स्वयं ही सड़कों पर किया गया अतिक्रमण तोड़ने लगे हैं। उप जिलाधिकारी ने विभागीय समीक्षा कर निर्धारित तिथि से कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
न्यायालय ने सभी संबंधित विभागों को अतिक्रमण हटाने को लेकर सीधे कार्रवाई करने के लिए आदेशित किया है। नगर के कई क्षेत्रों में गुरुवार को साप्ताहिक अवकाश था। इस दौरान कई व्यापारी स्वयं ही अपनी दुकानों के आगे किया गया अतिक्रमण तोड़ते नजर आए। नगर निगम कार्यालय में उप जिलाधिकारी हरगिरी ने सभी विभागों की बैठक लेकर इस दिशा में अब तक की कार्रवाई की समीक्षा की। उप जिलाधिकारी ने बताया कि नगर निगम ने 1127 अतिक्रमण चिह्नित किए थे। इन सभी को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। अब तक 26 आपत्ति आई है। नेशनल हाईवे के 123 अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी होने के बाद छह लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई है। लोक निर्माण विभाग ने 500 लोगों को नोटिस जारी किए हैं। जिसमें से 12 लोगों की आपत्ति दर्ज कराई है। उपजिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अतिक्रमण संबंधी नोटिस जारी होने के बाद यथास्थिति स्पष्ट होनी चाहिए। तय समय सीमा के भीतर निर्माण तोड़ने की कार्रवाई शुरू होगी। बैठक में नगर निगम के नगर सहायक आयुक्त उत्तम ¨सह नेगी, एचआरडीए अधिशासी अभियंता सुनील पराशर, नगर निगम के सहायक अभियंता आनंद ¨सह मिश्रवाण, एनएच डोईवाला के सहायक अभियंता प्रवीण सक्सेना, लोनिवि के सहायक अभियंता आरसी कैलखुरा आदि मौजूद रहे।