दीपावली से पहले दो माह का वेतन और बोनस देने की मांग
पांच माह से वेतन न मिलने से नाराज रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने प्रबंधन को पत्र देकर दीपावली से पूर्व कम से कम दो माह का वेतन व बोनस देने की मांग की है। वेतन न मिलने से कर्मचारियों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है।
देहरादून, जेएनएन। पांच माह से वेतन न मिलने से नाराज रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने प्रबंधन को पत्र देकर दीपावली से पूर्व कम से कम दो माह का वेतन व बोनस देने की मांग की है। वेतन न मिलने से कर्मचारियों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। यूनियन ने कहा कि बस संचालन उसी सूरत में सुचारू रह सकता है जब कर्मियों को दो माह का वेतन बोनस के साथ दिया जाए।
रोडवेज कर्मियों को जून से अब तक पांच माह का वेतन नहीं मिला है। कोरोना काल में बसें खड़ी रहने से रोडवेज की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है और उसके पास वेतन देने के लिए बजट नहीं। सरकार की मदद से वह पहले ही मार्च, अप्रैल एवं मई का वेतन दे चुका है मगर अब सरकार ने भी हाथ खींच लिए हैं। सरकार ने स्थिति को देखते हुए रोडवेज को फिलहाल केवल साढ़े 13 करोड़ की वित्तीय मदद की है पर यह एक माह के वेतन के लिए भी नाकाफी है। रोडवेज को हर माह वेतन के लिए 22 करोड़ की जरूरत होती है। इधर, वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है और संविदा एवं विशेष श्रेणी कर्मचारी काफी समय से उधार लेकर परिवार का भरण पोषण कर रहे।
उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी ने कर्मचारियों की दशा का हवाला देते हुए प्रबंध निदेशक को दो माह का वेतन व बोनस देने की मांग की है। इस दौरान कहा गया कि बोनस पर केवल ढाई करोड़ का खर्च आता है। यह मिलता है तो कर्मचारी दीपावली का त्योहार परिवार की खुशियों के अनुसार मना सकेंगे। दूसरी ओर यूनियन की ग्रामीण डिपो के शाखा मंत्री संदीप कुमार की ओर से एजीएम को ज्ञापन देकर 19 नवंबर तक कर्मियों की समस्याएं हल करने की मांग की है। इसमें बी डिपो के ग्रामीण डिपो में विलय के बाद बन रही असमंजस की स्थिति दूर करने की मांग की गई है।
परिवहन निगम ने पांच सहायक यातायात निरीक्षक बनाए
त्योहारी सीजन में बसों की चेकिंग करने के लिए रोडवेज अपना प्रवर्तन दल मजबूत कर रहा है। इसी क्रम में बुधवार को प्रबंधन ने पांच और कर्मियों को सहायक यातायात निरीक्षक बनाकर इनका तबादला किया है। इनमें विजयपाल सिंह को ऋषिकेश जबकि अब्दुल सत्तार को हरिद्वार डिपो से पर्वतीय डिपो में भेजा गया जबकि सुशील कुमार को कोटद्वार से रुड़की डिपो भेजा गया है। अशोक कुमार को मंडलीय कार्यशाला से जेएनएनयूआरएम डिपो हरिद्वार भेजा गया जबकि नरेश कुमार को रुड़की से दिल्ली आइएसबीटी भेजा गया।
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