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दिल्ली के बवाना जैसे अग्निकांड के लिए दून में भी हैं खूब वजह

दिल्ली के बवाना में हुआ अग्निकांड देहरादून के लिए भी चेतावनी है। क्योंकि यहां चल रही फैक्ट्रियों से लेकर गोदामों तक आग से सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 21 Jan 2018 04:34 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jan 2018 08:56 PM (IST)
दिल्ली के बवाना जैसे अग्निकांड के लिए दून में भी हैं खूब वजह
दिल्ली के बवाना जैसे अग्निकांड के लिए दून में भी हैं खूब वजह

देहरादून, [जेएनएन]: दिल्ली के बवाना में हुए अग्निकांड में 17 लोगों की मौत दून शहर के लिए भी चेतावनी है। शहर के कई ऐसे इलाके हैं, जहां चल रही फैक्ट्रियों से लेकर गोदामों तक एक तो आग से सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं, साथ ही वहां पहुंचने के रास्ते इतने संकरे हैं कि लाख कोशिशों के बाद भी अग्निशमन दस्ता वहां नहीं पहुंच सकता। जाहिर है अगर यहां आग लगी तो निश्चित तौर पर नतीजे दिल्ली जैसे ही बेहद गंभीर होंगे। 

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दरअसल, गुजरे दस साल में देहरादून का तेजी से विकास हुआ। शहर का विस्तार हुआ और आसपास कई घनी बस्तियां और कॉलोनियां बस गई। इसके साथ हुए औद्योगिककरण में यहां सैकड़ों की संख्या में फैक्ट्रियां स्थापित हुईं और गोदाम भी बने। जहां हर रोज बड़ी संख्या में लोग काम तो करते ही हैं, साथ ही और लोगों का भी आना-जाना होता है। इनमें कई में आग से बचाव के मूलभूत इंतजाम तक नहीं हैं। मुख्य अग्निशमन अधिकारी एसपी ममगाईं की मानें तो शहर में स्थित उद्योगों से लेकर गोदाम और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों को एनओसी तभी दी जाती है, जब वह अग्नि सुरक्षा के मानक पूरे करते हैं। साथ ही समय-समय पर जांच भी की जाती है। जिन स्थानों पर आग से सुरक्षा के इंतजाम नहीं मिलते, उस प्रतिष्ठान को नोटिस देकर कार्रवाई भी की जाती है। 

इन इलाकों में नहीं पहुंच सकता दमकल 

दर्शनी गेट, इंदिरा मार्केट, मच्छी बाजार, चुक्खू मोहल्ला, घोषी गली, चाट वाली गली, कांवली बस्ती, करनपुर के कई हिस्से, किशननगर, सैय्यद मोहल्ला, गोविंदगढ़, बिंदाल बस्ती  

अग्निशमन विभाग के संसाधन 

बड़े फायर टेंडर- 9 

फोम टेंडर-1 

मिनी टेंडर-2 

वाटर कैनन-2 

बैक पैक सेट-2 

मुख्य अग्निशमन अधिकारी एसपी ममगार्इं ने बताया कि शहर के कई हिस्सों में अग्निशमन की बड़ी गाडियां नहीं पहुंच सकती हैं, लेकिन हमारे पास दो छोटी गाडियां और बैक पैक सेट भी हैं। जिनसे गलियों में भी आग पर काबू पाया जा सकता है। फिलहाल जिन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में अग्नि सुरक्षा के उपाय नहीं हैं, उनकी जांच कर कार्रवाई की जाती है। 

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