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कोविड ड्यूटी के चार माह बाद भी नहीं मिला मानदेय, कार्यालयों के काट रहे हैं चक्कर

सरकारी अस्पतालों में ड्यूटी करने वाली बीएससी नर्सिंग अंतिम वर्ष की छात्राओं को चार माह बाद भी मानदेय नहीं मिला है। प्रदेश में नर्सिंग की 200 से अधिक छात्राओं ने अस्पतालों में ड्यूटी की थी। संबंधित सीएमओ कार्यालय ने छात्राओं की ड्यूटी निर्धारित की थी।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 09:45 AM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 09:45 AM (IST)
कोविड ड्यूटी के चार माह बाद भी नहीं मिला मानदेय, कार्यालयों के काट रहे हैं चक्कर
कोविड ड्यूटी के चार माह बाद भी नहीं मिला मानदेय, कार्यालयों के काट रहे हैं चक्कर।

जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना की दूसरी लहर में सरकारी अस्पतालों में ड्यूटी करने वाली बीएससी नर्सिंग अंतिम वर्ष की छात्राओं को चार माह बाद भी मानदेय नहीं मिला है। प्रदेश में नर्सिंग की 200 से अधिक छात्राओं ने अस्पतालों में ड्यूटी की थी। संबंधित सीएमओ कार्यालय ने छात्राओं की ड्यूटी निर्धारित की थी। नर्सिंग की छात्राएं अब मानदेय के लिए चिकित्सा शिक्षा निदेशालय व सीएमओ कार्यालय के चक्कर काट रही हैं।

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शनिवार को स्टेट कालेज आफ नर्सिंग की बीएससी नर्सिंग की छात्राएं चंदरनगर स्थित सीएमओ कार्यालय व चिकित्सा शिक्षा निदेशालय पहुंचीं। उन्होंने बताया कि नर्सिंग की अंतिम वर्ष की 47 छात्राओं ने कोविड ड्यूटी की थी। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में करीब एक माह तक उन्होंने जोखिम के बीच अस्पतालों में ड्यूटी की। उनका मानदेय प्रतिमाह 15 हजार रुपये निर्धारित किया गया था, लेकिन चार माह बीतने के बाद भी मानदेय नहीं दिया गया। अब उन्हें मानदेय के लिए कार्यालयों के चक्कर कटवाए जा रहे हैं।

विभागीय अधिकारी व कर्मचारी भी मानदेय का भुगतान करने में आनाकानी कर रहे हैं। छात्राओं का आरोप है कि मानदेय की बात करने पर उन्हें धमकाया जा रहा है। इस संदर्भ में चिकित्सा शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक डा. एचके बंधु का कहना है कि नर्सिंग की छात्राओं को मानदेय नहीं मिलने का मामला संज्ञान में है।

उन्होंने कहा कि जिन छात्राओं ने कोविड ड्यूटी की है उनके मानदेय के लिए शासन से वार्ता की गई है। सीएमओ की ओर से यह प्रमाणित किया जाना है कि कितनी छात्राओं ने कितने दिन ड्यूटी की है। सीएमओ कालेज के प्राचार्य और प्राचार्य नर्सिंग रजिस्ट्रार को रिपोर्ट देंगे। नर्सिंग छात्राओं को जल्द मानदेय दिया जाएगा।

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डीएलएड प्रशिक्षितों का धरना समाप्त

प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति की मांग को लेकर बीते छह अगस्त से शिक्षा निदेशालय के बाहर धरने पर बैठे उत्तराखंड द्विवर्षीय डायट डीएलएड प्रशिक्षितों ने धरना समाप्त कर दिया है। प्रशिक्षितों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे को ज्ञापन भेजकर लंबित मांगों के निस्तारण का अनुरोध किया। उत्तराखंड द्विवर्षीय डायट डीएलएड (बीटीसी) प्रशिक्षित बेरोजगार संगठन के प्रदेश सचिव हिमांशु जोशी ने कहा कि औपचारिक रूप से धरना समाप्त किया जा रहा है। इस दौरान संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष मन्नू सरोज, प्रकाश दानू, गौरव रावत, मुकेश चौहान, दीपक बिष्ट, अनूप सिंह, अरविंद नेगी, दीपक आदि मौजूद रहे।

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