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जानिए किन मांगों को लेकर एनएचएम संविदा कर्मी कर रहे आंदोलन, सीएमओ कार्यालय में भी प्रदर्शन

मानदेय समायोजन समेत विभिन्न मांगों को लेकर एनएचएम संविदा कर्मचारियों ने शनिवार को सीएमओ कार्यालय में प्रदर्शन किया। उन्होंने मांगे पूरी न होने तक आंदोलन जारी रखने का एलान किया है। उधर स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कर्मचारियों को अधिकारियों के साथ त्रिपक्षीय वार्ता का आश्वासन दिया।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 12 Dec 2021 11:33 AM (IST)Updated: Sun, 12 Dec 2021 11:33 AM (IST)
जानिए किन मांगों को लेकर एनएचएम संविदा कर्मी कर रहे आंदोलन, सीएमओ कार्यालय में भी प्रदर्शन
जानिए किन मांगों को लेकर एनएचएम संविदा कर्मी कर रहे आंदोलन। प्रतीकात्मक फोटो

जागरण संवाददाता, देहरादून। हरियाणा की तर्ज पर मानदेय, समायोजन समेत विभिन्न मांगों को लेकर एनएचएम संविदा कर्मचारियों ने शनिवार को सीएमओ कार्यालय में प्रदर्शन किया। उन्होंने मांगे पूरी न होने तक आंदोलन जारी रखने का एलान किया है। उधर, स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कर्मचारियों को अधिकारियों के साथ त्रिपक्षीय वार्ता का आश्वासन दिया है।

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एनएचएम संविदा कर्मचारियों ने हरियाणा की तर्ज पर मानदेय और आउटसोर्स से की जा रही भर्तियों को तत्काल रद किए जाने की मांग उठाई। कहा कि जो कर्मचारी आउटसोर्स से लगे हैं, उनका एनएचएम में समायोजन किया जाए। कर्मचारियों ने कहा कि सरकार, शासन एवं अधिकारियों से कई बार वार्ता की जा चुकी है, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिलता है। अब आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष सुनील भंडारी ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत से वार्ता हुई है, उन्होंने त्रिपक्षीय वार्ता का समय दिया हैं। इस दौरान कार्यकारी जिलाध्यक्ष विनोद पैन्यूली, मनीष तोमर, अंजनी कुमार, वंदना बिष्ट, रेखा, मनीषा, मधुसूदन, अमित वर्मा, डा. तौफीक अहमद, डा. राजीव कुमार, सुनील पुरोहित, प्रमोद, सुरेंद्र, अंकुर आदि उपस्थित रहे।

इंटर्न चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर किया काम

आयुर्वेद विवि के इंटर्न चिकित्सकों ने स्टाइपेंड, हास्टल और फीस कम करने की मांग को लेकर काली पट्टी बांधकर काम किया। उन्होंने कहा कि विवि प्रबंधन ने एक सप्ताह में समस्या समाधान का आश्वासन दिया है। जिस पर उन्होंने धरना समाप्त किया है, लेकिन वह अभी काली पट्टी बांधकर काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि स्टाइपेंड अभी भी 7500 रुपये ही मिल रहा है, जबकि सरकार ने इसे बढ़ाकर 17500 कर दिया है।

स्टाइपेंड बढ़ोतरी ना किए जाने से उनको आर्थिक दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, आल इंडिया कोटे की सीटों पर दाखिला लेने वाले प्रशिक्षु चिकित्सकों को स्टाइपेंड दिया ही नहीं जा रहा है। हास्टल बनकर तैयार है, लेकिन छात्रों को आवंटित नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा आल इंडिया कोटे की फीस कम करने की मांग भी उन्होंने की। इस दौरान ऐश्वर्य श्रीवास्तव, मयंक, योगेश, ममराज, संगम, नीलम, मीनाक्षी, अंजली आदि मौजूद रहे।

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