डाक्टरों से मारपीट के विरोध में दून के अस्पतालों में कर्मचारियों का विरोध, इमरजेंसी, ओपीडी सेवाएं बंद; मरीज परेशान
कोरोनेशन अस्पताल में चिकित्सक और कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार जारी है। उन्होंने इमरजेंसी ओपीडी सेवाएं बंद कर दी हैं। इससे मरीजों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल वे चिकित्सकों से मारपीट का विरोध कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोनेशन अस्पताल में गुरुवार हुई मारपीट के विरोध में चिकित्सक और कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार, मरीज परेशान। गुरुवार रात जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन अस्पताल) में मृतक के स्वजन ने चिकित्सक और फार्मेसिस्ट के साथ मारपीट का आरोप लगाते हुए अस्पताल के चिकित्सक और कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर रहे हैं। इमरजेंसी, ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गई हैं। जिससे मरीजों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।
मामला राजपुर थाना क्षेत्र स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती व्यक्ति की मौत से जुड़ा है। नशा मुक्ति केंद्र संचालकों की ओर से मरीज को कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। आरोप है कि उसके बाद रात को मृतक के स्वजन ने ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों और फार्मेसिस्ट के साथ मारपीट की।जिला चिकित्सालय के अलावा संयुक्त अस्पताल प्रेमनगर,सामुदायिक चिकित्सालय रायपुर में भी ओपीडी बंद कर दी गई है। चिकित्सक आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
दून अस्पताल में दस दिन में शुरू होगी एमआरआइ
दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में एमआरआइ जांच का इंतजार अब खत्म होने वाला है। अगले दस दिन में यहां एमआरआइ जांच की सुविधा मिलने लगेगी। रेडियोलाजी इंचार्ज महेंद्र सिंह भंडारी ने बताया कि एमआरआइ मशीन में नाइट्रोजन गैस भरने का कार्य पूरा हो चुका है। वहीं, अब हीलियम गैस भरे जाने की प्रक्रिया शुरू हो रही है। इसके बाद मशीन में कैलिब्रेशन यानि ब्रेन, स्पाइन और शरीर के अन्य अंगों से संबंधित जांच के लिए फ्रीक्वेंसी एडजस्ट करने का कार्य शुरू किया जाएगा। इस काम में पांच से सात दिन लग जाएंगे। उसके बाद जांच का ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा। एक-दो दिन ट्रायल के सही परिणाम आने पर नियमित एमआरआइ जांच शुरू कर दी जाएगी। बता दें, दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में एमआरआइ जांच दो साल से बंद है। जिस कारण मरीजों को खासी दिक्कत उठानी पड़ रही है। खासकर, विभिन्न हादसों और हड्डी रोग, न्यूरो संबंधी मरीजों को निजी केंद्रों पर कई गुना दाम पर जांच करानी पड़ रही है। निजी केंद्रों पर एमआरआइ आठ से दस हजार रुपये में होती है, जबकि दून अस्पताल में साढ़े तीन हजार रुपये में। पूर्व में अस्पताल में हर दिन करीब 20-25 एमआरआइ होती थी। आयुष्मान योजना के तहत मरीजों को निश्शुल्क जांच की सुविधा मिलती है।