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देहरादून: चिह्नीकरण में लेटलतीफी से राज्य आंदोलनकारियों में रोष, प्रक्रिया में बदलाव की मांग

राज्य आंदोलनकारियो में रोष है। प्रशासन की चार बैठक में सिर्फ आठ लोग का ही चिह्नीकरण हुआ। ऐसे में विभिन्न राज्य आंदोलनकारी संगठनों ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है प्रशासन ने चिह्नीकरण की जटिल प्रक्रिया बनाई है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 14 Nov 2021 02:54 PM (IST)Updated: Sun, 14 Nov 2021 02:54 PM (IST)
देहरादून: चिह्नीकरण में लेटलतीफी से राज्य आंदोलनकारियों में रोष, प्रक्रिया में बदलाव की मांग
देहरादून: चिह्नीकरण में लेटलतीफी से राज्य आंदोलनकारियो में रोष।

जागरण संवाददाता, देहरादून। चिह्नीकरण में लेटलतीफी से राज्य आंदोलनकारियो में रोष है। प्रशासन की चार बैठक में सिर्फ आठ लोग का ही चिह्नीकरण हुआ। ऐसे में विभिन्न राज्य आंदोलनकारी संगठनों ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है प्रशासन ने चिह्नीकरण की जटिल प्रक्रिया बनाई है, जबकि एलआइयू जांच और समाचार पत्रों की कटिंग के आधार पर चिह्नीकरण किया जाना चाहिए।

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पद संभालने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण और आश्रित संबंधी शासनादेश जारी कराया। इसी क्रम में आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण को लेकर जिला प्रशासन ने आंदोलनकारियों के साथ चार बार बैठक की गई, जिसमें सिर्फ आठ का ही चिह्नीकरण किया गया। ऐसे में राज्य आंदोलनकारियो में आक्रोश है। उनका कहना है कि चिह्नीकरण के नाम पर प्रशासन आंदोलनकारियों की अनदेखी कर रहा है।

बीती बैठक का किया था बहिष्कार

बीते दिनों प्रशासन के साथ हुई बैठक का राज्य आंदोलनकारियों ने बहिष्कार कर दिया था। आंदोलनकारियों ने चिह्नीकरण की प्रक्रिया में लेटलतीफी का आरोप लगाया। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती का कहना है कि चिह्नीकरण के लिए केवल जेल जाने और घायलों की पुष्टि को ही आधार माना गया है। यह सही नहीं है। तमाम ऐसे सक्रिय आंदोलनकारी भी रहे, जो न तो जेल गए और न ही घायल हुए। लिहाजा, चिह्ननीकरण के लिए स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआइयू) की रिपोर्ट को भी आधार बनाया जाना चाहिए। 

देवभूमि मास्टर्स के निर्विरोध अध्यक्ष बने अरुण कुमार

राजेंद्र नगर स्थित एक होटल में देवभूमि मास्टर्स एथलेटिक्स एंड स्पोट्र्स डवलपमेंट एसोसिएशन ने नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। इस दौरान अरुण कुमार सूद को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया। शनिवार को समिति की ओर से 70 सदस्यों की सर्व सहमति से नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। इस मौके पर उपाध्यक्ष जयमल सिंह नेगी, महासचिव सतीशचंद्र चौहान, सचिव ललितचंद्र जोशी, संयुक्त सचिव गोकुलानंद पंत, कोषाध्यक्ष गंभीर सिंह पंवार, प्रबंधक डा. देवेंद्र सिंह नेगी, उप प्रबंधक विजयराज सिंह बिष्ट, जनसंपर्क अधिकारी जितेंद्र गुप्ता, कानूनी सलाहकार संजीव कुमार, लेखा परीक्षक छत्रेश कुमार मुखिया, सलाहकार नरेश न्याल, टेक्निकल कमेटी के कार्यभार के लिए गुरुफूल को चुना गया। एसोसिएशन के महासचिव सतीश चंद्र चौहान ने 2020-21 में किए गए कार्यों का ब्योरा रखा गया।

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