जमीन बेचने के नाम पर फलफूल रहा फर्जीवाड़े का धंधा, 46 लाख की धोखाधड़ी में सात पर मुकदमा
Dehradun Land Fraud Case दून में जमीन बेचने के नाम पर दो मामलों में 46 लाख की ठगी को अंजाम दिया गया। फिलहाल पुलिस ने मामले में सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Dehradun Land Fraud Case दून में जमीन धोखाधड़ी के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। यहां जमीन की खरीद फरोख्त के दो अलग-अलग मामलों में 45.80 लाख रुपये की धोखाधड़ी सामने आई है। पुलिस ने पीड़ितों की शिकायत पर सात आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। साथ ही मामले की हर पहलू से जांच में जुट गई है।
दरअसल, पौंधा प्रेमनगर निवासी मेहर सिंह पुंडीर ने पुलिस को बताया कि उनकी ग्राम सभा भितरली में कुछ जमीन है। वर्तमान ग्राम प्रधान नरेश कुमार ने अपने सहयोगी जगदीश सिंह, तोताराम, गजेंद्र सिंह और थान सिंह के साथ मिलकर 17 जुलाई 2020 को जमीन किसी दूसरे व्यक्ति को 28 लाख 80 हजार में बेच दी। कैंट कोतवाली के इंस्पेक्टर एश्वर्यपाल ने बताया कि मामले में जांच शुरू कर दी गई है।
उधर, टीएचडीसी कालोनी देहराखास निवासी कैलाश चंद्र डोभाल ने पटेलनगर कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि सितंबर 2020 में वह पत्नी के साथ टाइल्स खरीदने के लिए सुभाषनगर स्थित वीरा मार्बल शाप पर गए थे। इस दौरान उनकी मुलाकात दुकान के स्वामी उमेश कुमार गर्ग व निधि गर्ग से हुई। उमेश कुमार ने बताया कि उनका पटेलनगर कोतवाली के निकट एक प्लाट है, जिसे वह सस्ते रेट पर बेच रहे हैं। कैलाश चंद्र को वह प्लाट पसंद आ गया।
प्लाट का सौदा 51 लाख 15 हजार रुपये में हुआ। कैलाश ने बयाने के तौर पर आरोपितों को 15 लाख रुपये देकर नौ अक्टूबर 2020 को विक्रय अनुबंध किया। 11 जनवरी 2021 को दो लाख रुपये गर्ग दंपति को और दिए। इसके बाद रजिस्ट्री करने के नाम पर आरोपितों ने टाल मटोल करना शुरू कर दिया। इंस्पेक्टर प्रदीप राणा ने बताया कि दोनों आरोपितों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी।
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