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Cyber Crime: दून में बढ़ रहे साइबर ठगी के मामले, क्रेडिट कार्ड की जानकारी लेकर 41 हजार उड़ाए

Cyber Crime रत्नाकर बैंक लिमिटेड (आरबीएल) के नाम पर दून में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अब साइबर ठगों ने पटेलनगर निवासी एक व्यक्तिके क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर खाते से 41 हजार रुपये उड़ा दिए।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 09:35 AM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 09:35 AM (IST)
Cyber Crime: दून में बढ़ रहे साइबर ठगी के मामले, क्रेडिट कार्ड की जानकारी लेकर 41 हजार उड़ाए
दून में बढ़ रहे साइबर ठगी के मामले। प्रतीकात्मक तस्वीर

जागरण संवाददाता, देहरादून। Cyber Crime रत्नाकर बैंक लिमिटेड (आरबीएल) के नाम पर दून में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अब साइबर ठगों ने पटेलनगर निवासी एक व्यक्तिके क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर खाते से 41 हजार रुपये उड़ा दिए। पीड़ित ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में बताया कि एक व्यक्ति ने उन्हें फोन कर खुद को आरबीएल का कर्मचारी बताया। इसके बाद उसने क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के बहाने कार्ड की गोपनीय जानकारी हासिल कर ली और खाते से रुपये उड़ा दिए। 

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साइबर ठगी के एक अन्य मामले में विकासनगर निवासी व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि उनके पास बैंक ऑफ बड़ौदा का क्रेडिट कार्ड है। बीते दिनों उन्होंने क्रेडिट कार्ड का स्टेटमेंट निकलवाया तो पता चला कि उससे 48,219 रुपये का भुगतान किया गया है। पीडि़त का कहना था कि यह रकम उसने खर्च नहीं की। इसपर साइबर थाना पुलिस ने जांच की तो पता चला कि पीडि़त के खाते से धनराशि मोबाइल फोन के माध्यम से नेट बैंकिंग का इस्तेमाल कर कई बैंक खातों में ट्रांसफर की गई है। 

वहीं, तल्लीताल (नैनीताल) निवासी एक महिला ने भी साइबर थाना पुलिस से धोखाधड़ी की शिकायत की है। 

महिला ने पुलिस को बताया कि उन्होंने एक शॉपिंग एप पर ऑनलाइन ऑर्डर कर कपड़े मंगाए थे, जो कपड़े आए वो एप पर दिखाए गए कपड़ों से अलग थे। कपड़ों की वापसी के लिए महिला ने गूगल पर शॉपिंग एप का कस्टमर केयर नंबर ढूंढकर उसपर कॉल की। यह नंबर साइबर ठग का निकला। जिसने महिला से उनके बैंक खाते की जानकारी लेकर 20 हजार रुपये उड़ा दिए। 

उधर, प्रेमनगर निवासी व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि उनके पिता ने खाते में फीस व अन्य खर्च के लिए रुपये भेजे थे। इसके बाद एक व्यक्ति ने उन्हें फोन किया और खुद को परिवार को पुराना परिचित बताते हुए खाते में कुछ रुपये भेजने की बात कही। पहले आरोपित ने सही खाते की पुष्टि के बहाने पीडि़त को फोन-पे पर 10 रुपये भेजे। इसके बाद उसने एक लिंक भेजकर उसे खोलने को कहा। लिंक पर क्लिक करने के बाद पीडि़त के खाते से 30 हजार रुपये निकल गए।

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