रक्षा उद्योग में संभावनाएं खंगाल रहा उत्तराखंड, रोजगार का बड़ा क्षेत्र साबित हो सकता ये उद्योग
केंद्रीय वित्त मंत्री के आठ सेक्टर में औद्योगिक सुधार और खासतौर पर रक्षा उत्पादन में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए उठाए जा रहे कदमों से उत्तराखंड की हसरतें जागी हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आठ सेक्टर में औद्योगिक सुधार और खासतौर पर रक्षा उत्पादन में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए उठाए जा रहे कदमों से उत्तराखंड की हसरतें भी जागी हैं। राज्य में आर्डनेंस फैक्ट्री, आप्टो इलेक्ट्रानिक्स फैक्ट्री समेत केंद्र सरकार के रक्षा उद्योग प्रतिष्ठानों के साथ निजी क्षेत्रों के सहयोग से रक्षा उत्पादन में बड़े और एमएसएमई सेक्टर को विकसित करने की उम्मीद राज्य के उद्यमियों और औद्योगिक संगठनों को है। हालांकि, इसके लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए और बेहतर माहौल के लिए राज्य सरकार को आगे कदम बढ़ाने होंगे।
उत्तराखंड में रक्षा उत्पादन उद्योग रोजगार का बड़ा क्षेत्र साबित हो सकता है। इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन के बाद सरकार इस कोशिश में जुटी है कि अधिक संख्या में उद्योगों को आकर्षित किया जाए। केंद्रीय रक्षा औद्योगिक प्रतिष्ठानों की मौजूदगी से प्रदेश में इस सेक्टर की संभावनाओं को और बेहतर बनाया जा सकता है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने लॉकडाउन से देश के उद्योगों और अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए राहत पैकेज की कड़ी में शनिवार को जिन आठ सेक्टरों पर जोर दिया, उनमें सबसे ज्यादा रक्षा क्षेत्र से ही उत्तराखंड उम्मीदें लगाए हुए है।
इसके साथ उद्योगों के बुनियादी ढांचे की मजबूती और उसमें सुधार के लिए इंडस्ट्रीज इनफोरमेशन सिस्टम को लेकर राज्य सरकार भी उत्साहित है। इस सिस्टम के विकसित होने से राज्य में देशी और विदेशी पूंजी निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार विभिन्न स्तरों पर उद्योगों और अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए पैकेज दे रही है। उत्तराखंड इसका किसतरह लाभ ले सकता है, इन संभावनाओं को खंगाला जा रहा है।
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अशोक विंडलास (अध्यक्ष उत्तराखंड स्टेट काउंसिल, सीआइआइ) का कहना है कि औद्योगिक ढांचे में सुधार और रक्षा उत्पादन में मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन देने के सरकार के अच्छे कदम हैं। इनका फायदा लेने के लिए लालफीताशाही मुक्त व्यवस्था चाहिए, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देते हुए उद्योगों के लिए नियमों-प्रक्रियाओं को सरल करना जरूरी है, सरकार को उद्यमियों पर विश्वास करना होगा, इसी के बूते विदेशी पूंजी निवेश की राह आसान होगी। रक्षा उत्पादन में विदेश से लाए जाने वाले उपकरणों पर कस्टम ड्यूटी लादने से बचने की जरूरत है।
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