महाकालेश्वर मंदिर में दीपदान से साकार हुआ विहंगम दृश्य
राजधानी देहरादून स्थित महाकालेश्वर मंदिर का दृश्य उस वक्त और भी मनमोहक हो उठा, जब वहां 1100 दीपक जलाकर मंदिर में दीपदान किया गया।
देहरादून, [जेएनएन]: कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा के मौके पर ऋषिपर्णा घाट (तुलतुलिया) स्थित महाकालेश्वर महादेव मंदिर (महाकाल) में देव दीपावली मनाई गई। देशी घी के 1100 दीपक जलाकर मंदिर में दीपदान किया गया तो विहंगम दृश्य साकार हुआ। यह मंदिर रिस्पना नदी के उद्गम स्थल के समीप है। मंदिर की प्रबंध समिति ने विश्व शांति और देश-प्रदेश की तरक्की के लिए प्रार्थना भी की।
इससे पहले महात्म्य कथा और फिर महाआरती हुई। कथा वाचक पंडित अशोक बहुगुणा शास्त्री ने कहा कि इस दिन भगवान शंकर ने देवताओं की प्रार्थना पर राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था। इससे देवताओं ने खुशी में दीपावली मनाई थी। इसे बाद में लोग देव दीपावली के रूप में मनाते हैं।
उन्होंने कहा कि इसी तिथि को भगवान शंकर ने अपने हाथों बसाई काशी के अहंकारी राजा दिवोदास के अहंकार को भी नष्ट किया था। उन्होंने कहा कि शिव महापुराण में उल्लेख है कि इस दिन दीपदान करने से भगवान का सानिध्य प्राप्त होता है। तुलसीदास ने रामचरित मानस में लिखा है कि भगवान शंकर और मां पार्वती श्रद्धा और विश्वास के रूप में सदैव हमारे बीच रहते हैं। इसके बाद भजन संध्या हुई। शास्त्रीय गायक प्रमोद कुमार ने भजनों की प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। तबले पर अरविंद कुमार और गिटार पर अरविंद राय ने संगत की। इस मौके पर कन्हैया चमोली, जितेंद्र नौटियाल, नरेश कुकरेती, अजय गोयल, अंशुल कठैत, ताराचंद, राधेश्याम, महेश कुमार आदि मौजूद रहे।
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