Move to Jagran APP

नई तकनीक से होगी डैम की सफाई, बढ़ेगा बिजली उत्पादन Dehradun News

डाकपत्थर बैराज में डैम की नई तकनीक से साफ-सफाई करने की विधि बताने को विदेश से वैज्ञानिक उत्तराखंड पहुंचे हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 05:07 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 05:07 PM (IST)
नई तकनीक से होगी डैम की सफाई, बढ़ेगा बिजली उत्पादन Dehradun News
नई तकनीक से होगी डैम की सफाई, बढ़ेगा बिजली उत्पादन Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। पछवादून के डाकपत्थर बैराज में डैम की नई तकनीक से साफ-सफाई करने की विधि बताने को विदेश से वैज्ञानिक उत्तराखंड पहुंचे हैं। नीदरलैंड और पोलैंड से आए वैज्ञानिकों ने बिना पावर हाउस को बंद किए आधुनिक मशीन व क्रेन के जरिए डैम में जमा सिल्ट को साफ करने की तकनीक बताई। कहा कि इससे डैम में कई सालों से जमा सिल्ट की सफाई बड़े आसानी से की जा सकती है, जिससे बिजली उत्पादन में बढ़ोत्तरी होगी। 

loksabha election banner

डाकपत्थर बैराज में डैम की साफ-सफाई के लिए विदेश से आए वैज्ञानिक नया प्रयोग कर रहें हैं। नीदरलैंड की एक कंपनी फ्री डेमो देकर उत्तराखंड में इंजीनियरों को डैम के सफाई की नई तकनीक बता रहें हैं। सामान्य तौर से उत्तराखंड में डैम की सफाई के लिए पावर हाउस को बंद किया जाता है और बैराज में जमा पानी को गेट खोलने से खाली करना पड़ता है। जिससे डैम में जमा सिल्ट की सफाई की जा सके। 

उत्तराखंड दौरे पर विदेश से आए वैज्ञानिकों ने डाकपत्थर बैराज में क्लोजर के बिना आधुनिक मशीनों व क्रेन के जरिए नई तकनीक से डैम में जमा सिल्ट को साफ करने की सरल विधि बताई। विदेश के वैज्ञानिकों ने डैम में जमा सिल्ट की सफाई के लिए मशीन के जरिए बैराज में पाइपों का जाल बिछाया है। जिससे पानी को खाली करने के बजाए पावर हाउस के चलने पर डैम में जमा सिल्ट की सफाई की जा सके। बताया जा रहा है कि विदेशी वैज्ञानिकों की इस नई तकनीक से उत्तराखंड में बने डैमो की सफाई बड़े आसानी से की जा सकेगी। जिससे बैराज में पानी क्षमता बढऩे से बिजली उत्पादन में इजाफा होगा। 

यह भी पढ़ें: बिजली चोरी रोकने को हरिद्वार, यूएसनगर में बनेंगे विद्युत थाने

जल विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता एमएस अधिकारी ने बताया कि विदेश से आए वैज्ञानिक 15 से 20 दिन तक डाकपत्थर बैराज में सिल्ट साफ करने की नई तकनीक का फ्री डेमो दे रहें हैं। इसके तहत यूजेवीएनएल के इंजीनियरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

यह भी पढ़े: मुफ्त की बिजली फूंकने पर आरटीआइ क्लब का प्रहार, पढ़ि‍ए पूरी खबर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.