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नशा छुड़ाने की छटपटाहट, 163 ने साझा किया दर्द; पढ़िए पूरी खबर

दैनिक जागरण के डायल अगेंस्ट ड्रग कैंपेन के दौरान दून में नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ नशा छुड़ाने की छटपटाहट भी दिखी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 09:34 AM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 09:13 PM (IST)
नशा छुड़ाने की छटपटाहट, 163 ने साझा किया दर्द; पढ़िए पूरी खबर
नशा छुड़ाने की छटपटाहट, 163 ने साझा किया दर्द; पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। दैनिक जागरण के डायल अगेंस्ट ड्रग कैंपेन के दौरान दून में नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ नशा छुड़ाने की छटपटाहट भी दिखी। चार फरवरी से लेकर शुक्रवार तक टोल फ्री नंबर पर 163 लोगों ने फोन कर अपना दर्द साझा किया। इसमें 62 फोन कॉल मिनिस्ट्री ऑफ सोशल डिफेंस को ट्रांसफर की गई, जहां उनकी समस्या सुनी गई और पुलिस से लेकर संबंधित विभागों को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया।

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गौरतलब है कि देहरादून में नशा युवा वर्ग के सिर चढ़ कर बोल रहा है। रोकथाम के प्रभावी और कड़े कदम उठाने में दिख रही सिस्टम की लापरवाही का ही नतीजा है कि नशा अब कॉलेज कैम्पस से लेकर हॉस्टल और घरों तक में दखल दे चुका है। इसके चलते कई परिवार बर्बाद हो गए तो कइयों ने सेहत गंवा दी। वहीं तमाम युवा ऐसे मिले, जिनकी या तो पढ़ाई छूट चुकी है या फिर नौकरी। वह अब दर-दर की ठोकरें खाने को विवश हैं। कुछ ने नशे की पूर्ति के लिए खुद नशा तस्करों का दामन थामा, लेकिन इसके बदले में उन्हें देर-सबेर जेल ही मिली। जिन 163 लोगों ने टोल फ्री नंबर पर फोन किया, उसमें से 74 लोग तो जागरण के काउंसलर के ही जवाब से संतुष्ट हो गए। जबकि 27 लोगों ने पुलिस को नशे के अड्डों की जानकारी देने के साथ यह भी बताया कि कहां और किस इलाके में नशे का कारोबार चल रहा है और किस तरह युवाओं को टारगेट किया जा रहा है। इसके साथ ही 62 लोगों की मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड एम्पावरमेंट व मिनिस्ट्री ऑफ सोशल डिफेंस के विशेषज्ञ और काउंसलर से बात कराई गई।

कुछ मामले

  •  केस एक: सर मेरे बेटे के व्यवहार में अचानक आए बदलाव से लगता है कि वह नशा करने लगा है। उससे बात करती हूं, तो वह बिफर जाता है। वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है, कुछ ऐसा कीजिए कि उसका कॅरियर बर्बाद न हो।
  • केस दो: नशे ने मेरे पति की जान ले ली। पूरी गृहस्थी बर्बाद हो गई। बच्चों को जैसे-तैसे पाल रही हूं। ऐसा सिस्टम बनाइये कि कोई भी नशा तस्कर पुलिस की नजर से बचने न पाये। ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई हो जो चोरी-छिपे नशा करते हैं।
  • केस तीन: मेरा बेटा नशा तस्करी में पकड़ा गया। जबकि वह ऐसा नहीं था, उसके दोस्तों ने उसे इस दलदल में घसीटा। जिन लोगों ने उसे मोहरा बनाया, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन पर भी कार्रवाई हो, ताकि तस्करों में डर पैदा हो।

बोलीं एसपी सिटी

श्वेता चौबे (एसपी सिटी, देहरादून) का कहना है कि नशे के खिलाफ अभियान में जो भी जानकारी पुलिस तक लोगों ने पहुंचाई है, उस पर काम शुरू कर दिया गया है। नशा तस्करों पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। 

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