बेटे के चित्रों में दिखती उत्तराखंड की संस्कृति, हुनर पर माता-पिता को गर्व
उत्तरकाशी के संदीप पेंटिंग और मूर्ति के जरिये अपनी कला का जादू बिखेरा रहे हैं। उनकी चित्रों और मूर्ति में उत्तराखंड की संस्कृति की झलक दिखाई देती है।
उत्तरकाशी, जेएनएन। उत्तरकाशी के संदीप का पेंटिंग और मूर्ति तराशने का हुनर आमजन को बेहद पसंद आ रहा है। लॉकडाउन के दौरान अपने क्वाड़ी गांव में एक माह तक 10 फिट ऊंची रथ देवता की मूर्ति बनाने के बाद छह फीट ऊंची सती माता की मूर्ति बनाकर अपनी कला का जादू बिखेरा है। संदीप के पिता जितनी लाल गांव में ही मेहनत मजदूरी करते हैं, जबकि राजूली देवी गृहिणी है। बेटे के हुनर पर मां-पिता को गर्व है।
उत्तरकाशी के नौगांव ब्लॉक के क्वाड़ी गांव के 24 वर्षीय संदीप पेंटिंग के माहिर है। देहरादून से बैचुलर ऑफ फाइन आर्ट की पढ़ाई कर चुके संदीप कला के क्षेत्र में ही अपना भविष्य तलाशना चाहते हैं। वह अपने चित्रों के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति को देश-दुनिया में लाने के लिए प्रयासरत हैं।
संदीप ने कक्षा 12 तक कि पढ़ाई जवाहर नवोदय विद्यालय पुरोला से की। बैचुलर ऑफ फाइन आर्ट (हिंदी- ललित कला) मिनर्वा इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी देहरादून से की है। संदीप सफलता का श्रेय अपने बड़े भाई रणजीत सिंह और अपने शिक्षकों को देते हैं।
कला है संस्कृति का महत्वपूर्ण साधन
संदीप कहते हैं कि अगर यही स्थिति रही हमारी संस्कृति संकट में आ जाएगी। ऐसे में कला ही एक ऐसा माध्यम है जो संस्कृति को संयोए रखने का महत्वपूर्ण साधन है। वे कहते हैं कि उत्तराखंड में कलाकारों की अच्छी स्थिति नहीं है।
जब जब हुए सम्मानित
संदीप पेंटिंग के क्षेत्र में 2017 में उत्तरकाशी, 2018 में हरिद्वार व रेलवे स्टेशन देहरादून, 2019 सहारनपुर पुलिस लाइन में भी सम्मानित हो चुके हैं। इसके अलावा दिल्ली के कनॉट पैलेस शिवाजी स्टेडियम में आयोजित चित्रकारी प्रतियोगिता में विभिन्न प्रांतों के साथ उत्तराखंड के कलाकारों ने मिलकर 2 घंटे में विश्व की सबसे बड़ी पेंटिंग तैयार कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज किया था।
जिसमें प्रतियोगिता में सभी राज्यों से आए कलाकारों ने 3,435 फिट की सबसे लंबी पेंटिंग बनाई। इस टीम में संदीप भी शामिल थे। रंवाई घाटी के इस युवक की पेंटिंग को राष्ट्रीय स्तर के पेंटिंग प्रतियोगिता के टॉप 3 में भी स्थान मिला है। साथ ही देहरादून के एमकेपी कॉलेज में आयोजित प्रतियोगिता में महादेवी राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
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