बदमाशों की प्लानिंग के आगे पुलिस ने हर बार टेके घुटने
चुटकी बजाते किसी अपराध का खुलासा करने के दावे की हवा तब निकल जाती है जब तकनीकी साक्ष्य न के बराबर होते हैं।
देहरादून, जेएनएन। यह मामले तो महज बानगी भर हैं। दरअसल, दून पुलिस की तेजी और चुटकी बजाते किसी भी अपराध का खुलासा करने के दावे की हवा तब निकल जाती है, जब तकनीकी साक्ष्य न के बराबर होते हैं। खासकर तब, जब सीसीटीवी फुटेज न हो और कॉल डिटेल से कोई मदद न मिल रही हो।
विगत एक-डेढ़ साल के दौरान दून पुलिस की छवि ऐसी बन गई थी कि बदमाश कितना ही शातिर क्यों न हो, दून पुलिस की गिरफ्त में आने नहीं बच सकता। मगर राजपुर रोड स्थित गोल्ड लोन कंपनी में हुई दिनदहाड़े लूट की वारदात के बाद पुलिस की धार कुंद पडऩे लगी। यहां तक कि शहर के दस थानों की फोर्स मिलकर भी लुटेरों का सुराग लगाने में नाकाम रही। कमोबेश, यही हाल घंटाघर और चाटवाली गली में हुई लूट के मामले में भी रही है। उच्चाधिकारियों की फटकार से बचने के लिए पुलिस ने जोर मारा भी तो इन दोनों वारदात में शामिल गैंग के एक-एक सदस्य को गिरफ्तार कर लिया। मगर बाकी आरोपित अभी भी खुले घूम रहे हैं।
- वारदात एक: 30 नवंबर को राजपुर रोड स्थित आइआइएफएल गोल्ड लोन कंपनी में चार हथियारबंद बदमाशों ने कर्मचारियों और ग्राहकों को बंधक बनाकर एक सोने की चेन और 50 हजार रुपये लूट लिए थे। कंपनी के स्ट्रांग रूम में रखे लॉकर को भी तोडऩे की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे। लॉकर में दस करोड़ से अधिक का सोना और कैश था। बदमाश यहां से सीसीटीवी का डीवीआर भी उखाड़ ले गए थे। 25 फरवरी को इसी गैंग ने रुड़की में लूटपाट की, लेकिन पुलिस ने घुटने टेक दिए।
- कब हुआ खुलासा: राजपुर रोड और रुड़की में हुई लूट का खुलासा सवा तीन महीने बाद तब हुआ, जब बिहार की पुलिस ने गैंग के सात सदस्यों को दबोचा। बताया गया कि उसमें से दो बदमाश वही थे, जो उत्तराखंड में हुई वारदात में भी शामिल थे। जब बिहार पुलिस ने आरोपितों को पकड़ लिया, तब उत्तराखंड पुलिस ने भी अपनी पीठ थपथपा ली।
- वारदात दो: 14 फरवरी को वसंत विहार में शराब ठेके के मैनेजर पर जानलेवा हमला कर दो बदमाशों ने पांच लाख रुपये लूट लिए थे। मैनेजर शिवशंकर यादव पुत्र हरिहरन यादव मूलरूप से ग्राम सरैया थाना व पोस्ट शादात जिला गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला था, उसकी उपचार के दौरान बीते छह मार्च को मौत हो गई।
- नहीं हुआ खुलासा: वसंत विहार लूट को दो महीने से अधिक का समय गुजर चुका है। मगर अब तक पुलिस यह तक पता नहीं लगा है कि बदमाश स्थानीय थे, या फिर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के। इस मामले में पुलिस ने कई बार अहम सुराग मिलने का दावा किया, लेकिन कभी उस दावे को खुलासे में परिवर्तित नहीं कर सकी।
- वारदात तीन: 15 अप्रैल को नेहरू कॉलोनी के सरस्वती विहार स्थित सिद्धार्थ ज्वेलर्स में तीन नकाबपोश बदमाशों ने हथियारों के बल पर दस लाख के जेवरात लूटकर फरार हो गए। दिनदहाड़े हुई इस वारदात ने दून पुलिस के 24 घंटे अलर्ट रहने के दावे की धज्जियां उड़ा दीं। दरअसल पुलिसिया जांच में यह बात साबित हो चुकी है कि बदमाशों ने ज्वेलरी शॉप की रेकी करने के बाद सुनियोजित तरीके से वारदात को अंजाम दिया।
- नहीं हुआ खुलासा: इस वारदात के खुलासे के लिए एसपी सिटी की अगुवाई में नेहरू कॉलोनी और पटेलनगर की फोर्स के साथ एसओजी समेत पांच टीमें गठित हैं। अभी तक पुलिस ने सुराग मिलने के जो भी दावे किए, वह सब हवाहवाई साबित हुए। गंभीर तो यह की बदमाशों की पहचान पुलिस के सीसीटीवी खंगालती रह गई और वे आराम से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसी जिले में जा छिपे।
फरार लुटेरों को तलाशना भूली पुलिस
मेरठ के सर्राफ पिता-पुत्र से 13 नवंबर को हुई 15 लाख के सोने-चांदी के आभूषणों की लूट के आरोपित ईरानी गैंग के छह सदस्यों में से केवल एक की ही गिरफ्तारी हुई है। इस वारदात में शामिल पांच अन्य बदमाश भूमिगत हैं, जिनके बारे में पुलिस के पास कोई लीड नहीं है।
वारदात में गिरफ्तार सदस्य जाफर के पास से पुलिस को दस हीराजडि़त अंगूठियां तो मिल गई, लेकिन अभी आठ से दस लाख रुपये का माल बरामद नहीं हो सका है। वहीं, छह दिसंबर को चाटवाली गली में बीएसएनएल के सेवानिवृत्त कर्मचारी नरेंद्र आहूजा से हुई 1.15 लाख रुपये की लूट में आरोपित मुरादाबाद के शेख गैंग के चार में से एक सदस्य को गिरफ्तार किया जा सका है। उसके पास से महज आठ हजार रुपये की नकदी बरामद हुई है। शेष रकम की बरामदगी बाकी होने के साथ फरार तीन बदमाशों को पकडऩे की भी चुनौती बरकरार है। और तो और लोकसभा चुनाव के दौरान वर्षों से फरार आरोपितों को ढूंढ निकालने वाली पुलिस इन बदमाशों का पता-ठिकाना नहीं जान पाई।
सर्राफ पिता-पुत्र से लूट के वांछित
जहीर अली (गैंग लीडर) निवासी रेलवे कॉलोनी, ईरानी बस्ती, थाना संभाजीनगर, परली महाराष्ट्र, अमजद अली, मोहसिन अली, इकबाल निवासी ईरानी मोहल्ला, बदरूद्दीन कॉलोनी छिदरी रोड बीदर कर्नाटक व तालिब उर्फ सन्नाटा निवासी ईरानी गली शिवजी नगर थाना संभाजी नगर परली महाराष्ट्र
चाटवाली गली लूटकांड के वांछित
-महबूब उर्फ गटुवा (गैंग लीडर) निवासी कांठ की पुलिया, चौकी तहसील थाना नागफनी, मुरादाबाद
- राजा पुत्र निवासी सबजरखां वाली गली, मोहल्ला दर्जियान, थाना नागफनी, मुरादाबाद
- शोएब निवासी खिन्नी बाली जियारत के पास, मोहल्ला सराय खालसा, थाना सिविल लाइन, मुरादाबाद
बोले अधिकारी
निवेदिता कुकरेती (एसएसपी) का कहना है कि सरस्वती विहार में हुई लूट में कई अहम सुराग मिले हैं, जिन पर अलग-अलग टीमें काम कर रही हैं। साथ ही वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर भी टीमें दबिश दे रही हैं।
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