उत्तराखंड: कर्फ्यू में मैदानी क्षेत्रों से कर रहे हैं पहाड़ का रुख तो ये खबर जरूर पढ़ें और जान लें सभी नियम
Covid Curfew In Uttarakhand उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित देहरादून हरिद्वार पौड़ी नैनीताल व ऊधमसिंह नगर जिलों के मैदानी क्षेत्रों से पर्वतीय क्षेत्रों में जाने वाले व्यक्तियों के लिए कोरोना जांच की आरटीपीसीआर अथवा रैपिड एंटीजन टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Covid Curfew In Uttarakhand उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल व ऊधमसिंह नगर जिलों के मैदानी क्षेत्रों से पर्वतीय क्षेत्रों में जाने वाले व्यक्तियों के लिए कोरोना जांच की आरटीपीसीआर अथवा रैपिड एंटीजन टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है। कोविड कर्फ्यू को लेकर शासन की ओर से जारी मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) में यह प्रविधान किया गया है।
राज्य के इन जिलों से पर्वतीय क्षेत्र के लिए आवाजाही सबसे अधिक है। ऐेसे में वहां से पहाड़ के गांवों, कस्बों व नगरों में संक्रमण न फैले, इसी के दृष्टिगत उक्त कदम उठाया गया है। एसओपी के अनुसार इन जिलों की सीमा पर स्थित चेकपोस्ट में इस प्रविधान का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।
आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट के बिना नहीं अनुमति
बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आने वाले व्यक्तियों के साथ ही बस-टैक्सी के चालक, परिचालक एवं हेल्पर के लिए भी 72 घंटे पहले तक की आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है। एसओपी के मुताबिक बिना निगेटिव रिपोर्ट के वाहन चालकों को राज्य में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी।
वाहन अथवा रहने की करेंगे व्यवस्था
कोविड कर्फ्यू के दौरान औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत श्रमिकों व कर्मचारियों को घर से कार्यस्थल तक लाने और घर छोड़ने के लिए संबंधित औद्योगिक इकाइयों का प्रबंधन वाहन की व्यवस्था करेगा। यदि ऐसा नहीं हो पाता है तो उनके रहने के लिए उद्योग परिसर में ही व्यवस्था की जाएगी।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड में दस मई से सख्त कोविड कर्फ्यू, जानें- कितने घंटे खुलेंगी दुकानें और क्या है पूरी गाइडलाइन
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें