पेयजल निगम के एमडी की नियुक्ति मामले में कोर्ट सख्त, शासन की बढ़ी चिंता
हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका की सुनवाई के क्रम में कोर्ट ने शासन से जल निगम के प्रबंध निदेशक की नियुक्ति को लेकर नियम व शर्तो की स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए हैं।
देहरादून, जेएनएन। लगातार विवादों में घिरे रहने वाले पेयजल निगम के प्रबंध निदेशक की नियुक्ति को लेकर शासन की चिंताएं और बढ़ गई हैं। हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका की सुनवाई के क्रम में कोर्ट ने शासन से प्रबंध निदेशक की नियुक्ति को लेकर नियम व शर्तो की स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए हैं। इसे लेकर निगम प्रबंधन ही नहीं शासन के अधिकारी भी बेचैन हो गए हैं। साथ ही हाई कोर्ट ने यह भी कहा है कि बिना नियम व शर्तो के किसी भी व्यक्ति को अनिश्चितकाल के लिए नियुक्ति नहीं दी जा सकती।
पेयजल निगम के प्रबंध निदेशक (एमडी) भजन सिंह की नियुक्ति को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। उनकी नियुक्ति में वरिष्ठता से लेकर अन्य नियमों को दरकिनार करने के आरोप भी हैं। यही नहीं, कई बार शासन पर भी उन्हें बचाने के आरोप लगाए गए हैं।
अब इस मामले में हाईकोर्ट की ओर से शासन से नियुक्ति के लिए बनाई गई नियामावली की विस्तृत जानकारी मांगी गई है। जो कि आज बुधवार को जमा कराने के आदेश हैं। गुरुवार दो जुलाई को मामले में सुनवाई होनी है। ऐसे में अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें नजर आ रही हैं।
एक व्यक्ति ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर पेयजल निगम के एमडी भजन सिंह की नियुक्ति को अवैधानिक बताते हुए उनके निलंबन की मांग की थी। जिस पर शासन की ओर से भी पक्ष रखा जा रहा है। कोर्ट ने शासन को यह स्पष्ट करने के आदेश दिए हैं कि पेयजल निगम के एमडी की नियुक्ति किस नियमावली के आधार पर की गई और उनके नियुक्ति पत्र में कार्यकाल का समय अंकित क्यों नहीं किया गया।
भ्रष्टाचार के भी लगे आरोप
पेयजल निगम के प्रबंध निदेशक कुछ साल पूर्व भ्रष्टाचार के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई थी। शिकायतकर्ता ने हाई कोर्ट में भ्रष्टाचार और घोटाले के अभिलेख शपथ पत्र के साथ कोर्ट में पेश कर दिए थे। आरोप था कि कई प्रोजेक्ट में एमडी निजी लाभ कमाने के लिए परिवार के सदस्यों को कार्य सौंपे गए।
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सचिव के आने पर होगी कार्रवाई
अपर सचिव पेयजल जीबी ओली के अनुसार, हाई कोर्ट में वाद चल रहा है। दो जुलाई को सुनवाई है। इससे पहले शासन की ओर से मामले में दस्तावेज व विस्तृत जानकारी जमा कराई जाएगी। सचिव अभी राज्य से बाहर हैं, उनके आने के बाद ही कार्यवाही होगी।
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