बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच चिंता भी बढ़ी, सितंबर मध्य से अब तक 35 फीसद घटी जांच; देखें आंकड़े
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच जांच की सुस्त रफ्तार ने चिंता बढ़ा दी है। प्रधानमंत्री मोदी जहां थ्री-टी यानी टेस्ट ट्रैक एंड ट्रीट पर जोर दे रहे हैं। वहीं पिछले कुछ दिन से प्रदेश में जांच में लगातार कमी आ रही है।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच जांच की सुस्त रफ्तार ने चिंता बढ़ा दी है। प्रधानमंत्री मोदी जहां थ्री-टी यानी टेस्ट, ट्रैक एंड ट्रीट पर जोर दे रहे हैं। वहीं, पिछले कुछ दिन से प्रदेश में जांच में लगातार कमी आ रही है, जबकि भविष्य के जोखिम को कम करने के लिए अधिकाधिक जांच की आवश्कता है।
प्रदेश में कोरोना की दस्तक मार्च मध्य में हुई थी। तब से न केवल कोरोना का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है, बल्कि चिंता और चुनौतियां भी बढ़ी हैं। जहां एक तरफ संक्रमितों की संख्या 52 हजार के ऊपर पहुंच गई है, मरने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। इस लिहाज से हालात दिन-ब-दिन चिंताजनक होते जा रहे हैं।
प्रदेश में कोरोना के मामलों का विश्लेषण कर रही संस्था सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष अनूप नौटियाल कहते हैं कि संक्रमण का फैलाव को रोकने के लिए व्यापक स्तर पर टेस्टिंग की जरूरत है। यही एकमात्र जरिया है, जिससे संक्रमितों की पहचान कर एक बड़ी आबादी को प्रभावित होने से बचाया जा सकता है। कम टेस्ट होने का खतरा यह है कि पहचान न होने के कारण कई संक्रमित व्यक्ति अनजाने में बीमारी फैलाते रहेंगे।
पर ताज्जुब है कि सरकार इस बात को नजरअंदाज कर रही है। उनकी संस्था ने पिछले तीन सप्ताह में हुई कोरोना जांच का विश्लेषण किया है। जिसमें पता चला कि पहले और तीसरे सप्ताह के बीच जांच में 35 फीसद की कमी आई है। जबकि हाल के दिनों में स्थानीय स्तर पर या जाने-अनजाने पूर्व में संक्रमित मिले मरीजों के संपर्क में आए लोग काफी संख्या में पॉजिटिव मिल रहे हैं। संपर्कों में बढ़ता संक्रमण का यह ग्राफ आने वाले दिनों में चुनौतियां और बढ़ा सकता है।
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जांच की स्थिति
15-21 सितंबर
कुल जांच: 85928
प्रतिदिन जांच: 12275
22-28 सितंबर
कुल जांच: 73960
प्रतिदिन जांच: 10566
29 सितंबर-05 अक्टूबर
कुल जांच: 55685
प्रतिदिन जांच: 7955
ध्यान देने वाली बातें
-15 से 21 सितंबर की तुलना में 29 सितंबर से पांच अक्टूबर के बीच 30,243 यानी 35 फीसद कम जांच।
-15 से 21 सितंबर की तुलना में 22 से 28 सितंबर के बीच 11,968 यानी 14 फीसद कम जांच।