coronavirus: कारगी ग्रांट और भगत सिंह कॉलोनी को सैनिटाइज करने वाली टीम पहुंची ढाई घंटे देरी से
कारगी ग्रांट के अलावा जिस भगत सिंह कॉलोनी को अलग से लॉकडाउन किया गया वहां सैनिटाइजिंग के काम को लेकर हीलाहवाली देखने को मिली।
देहरादून, जेएनएन। कारगी ग्रांट के अलावा जिस भगत सिंह कॉलोनी को अलग से लॉकडाउन किया गया, वहां सैनिटाइजिंग के काम को लेकर हीलाहवाली देखने को मिली। सैनिटाइजेशन की टीम ढाई घंटे बाद यहां पहुंची।
इस क्षेत्र में कोरोना संक्रमित तब्लीगी जमातियों के पाए जाने मस्जिद को सैनिटाइज कराने का निर्णय लिया था। मगर, प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों के पहुंचाने के भी करीब ढाई घंटे बाद सैनिटाइज करने वाली टीम पहुंच पाई। भगत सिंह कॉलोनी की मस्जिद को सैनिटाइज कराने के लिए दोपहर 12 बजे के करीब ही उपजिलाधिकारी गोपाल राम बिनवाल और एसपी सिटी श्वेता चौबे दल-बल के साथ पहुंच गए थे। ताकि सैनिटाइजिंग के काम में किसी तरह का व्यवधान पैदा न हो। हालांकि, नगर निगम की टीम जब काफी देर बाद नहीं पहुंची तो उपजिलाधिकारी ने टीम को कॉल किया।
पता चला कि सैनिटाइज करने वाले वाहन में चालक ही उपलब्ध नहीं है। तब तक इंतजाम को दो घंटे बीत चुके थे। इसके बाद उपजिलाधिकारी ने महापौर सुनील उनियाल गामा को संपर्क किया। तब जाकर सैनिटाइज करने वाली टीम भगत सिंह कॉलोनी पहुंची और मस्जिद को सैनिटाइज किया जा सका। हालांकि, क्षेत्र में नगर निगम की टीम सुबह से ही सैनिटाजिंग के काम में लगी थी।
हाई रिस्क पर काम कर रहे लैब तकनीशियन
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ईसीजी विभाग में कार्यरत टेक्नीशियन भी हाई-रिस्क पर काम कर रहे हैं। दरअसल, कोविड-19 के मरीजों के इलाज में ईसीजी जांच भी अहम होती है। ऐसे में दून अस्पताल के ईसीजी विभाग में कार्यरत टेक्नीशियन जेपी अंथवाल की अगुआई में टीम वार्ड में जाकर कोरोना पॉजिटिव और संदिग्ध मरीजों की जांच में जुटी है। जेपी अंथवाल ने बताया कि वह और उनके दो साथी 24 घंटे काम पर हैं। वे लोग ऑनकॉल रहते हैं। जैसे ही अस्पताल से फोन आता है, वह मौके पर पहुंच जाते हैं।
बताया कि अब तक चार कोरोना पॉजिटिव और दो संदिग्ध मरीजों की जांच कर चुके हैं। जेपी अंथवाल के अनुसार, उनकी टीम में अनुपम और रोहित कुमार भी शामिल हैं। विभाग की ओर से इन लोगों को सुरक्षा किट मुहैया कराई गई है। हालांकि इसके बाद भी खतरे की कोई बात नहीं है, ऐसा नहीं कहा जा सकता है।