Uttarakhand lockdown में नहीं रहेगा कोई भूखा, हर जरूरतमंद तक पहुंचाई जा रही मदद
संगठनों के सहयोग से हर उस जरूरतमंद का ख्याल रखा जा रहा है जो लॉकडाउन में दो वक्त की रोटी का जुगाड़ नहीं कर पा रहे हैं।
देहरादून, जेएनएन। एक दर्जन से अधिक संगठनों के सहयोग से हर उस जरूरतमंद का ख्याल रखा जा रहा है, जो लॉकडाउन में दो वक्त की रोटी का जुगाड़ नहीं कर पा रहे हैं। गुरुवार को भी प्रशासन ने भोजन पकाने में असमर्थ 5411 लोगों को भोजन के पैकेट वितरित किए।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि गुरुवार को राशन की अन्नपूर्णा किट के सर्वाधिक 4911 पैकेट बांटे गए। इसमें आटा, चावल, दाल समेत सभी जरूरी वस्तुएं शामिल हैं। जिला कंट्रोल रूम में भोजन आदि को लेकर जो भी कॉल आ रही हैं, उनका प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण किया जा रहा है। हालांकि, तमाम जगह भोजन और राशन बांटने के बाद अब इससे संबंधित कॉल में कमी आई है।
33 कॉल में से 26 कॉल राशन और भोजन को लेकर ही थी, जबकि चार कॉल मेडिकल सहायता और तीन कॉल ई-पास से संबंधित रही, जो इलाके सील व पृथक रूप से लॉकडाउन किए गए हैं, वहां भी लोगों की जरूरत का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इसके अलावा प्रशासन की टीम निराश्रित पशुओं का भी निरंतर ख्याल रखी रही है। रायपुर, सहसपुर, डोईवाला, विकासनगर और चकराता विकासखंड में 1569 निराश्रित पशुओं को चारा और आहार उपलब्ध कराया गया।
युवा क्रिकेटर अभिमन्यु ईश्वरन ने की जरूरतमंदों मदद
देहरादून के युवा क्रिकेटर अभिमन्यु ईश्वरन ने जरूरतमंदों की मदद के लिए दून पुलिस को ढाई लाख रुपये दिए हैं। अभिमन्यु ईश्वरन क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल से घरेलू क्रिकेट खेलते हैं और बंगाल रणजी टीम के कप्तान भी हैं। अभिमन्यु के पिता आरपी ईश्वरन ने बताया कि अभिमन्यु ने परिवार के साथ जरूरतमंदों की मदद के लिए पुलिस कोविड-19 राहत कोष में ढाई लाख दान किए हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा परिवार ने लॉकडाउन से हुए प्रभावितों को 100 जरूरतमंद परिवारों को राशन किट भी वितरित किए हैं।
148 को दिया प्रशिक्षण
कोरोना संक्रमण की रोकथाम में लगे कार्मिकों को स्वयं के बचाव के लिए भी निरंतर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गुरुवार को ऐसे 148 कार्मिकों व एनसीसी कैडेट्स को प्रशिक्षण दिया गया। इसमें 95 कार्मिक कौशल विकास केंद्र, 18 एनसीसी व 35 एनसीसी कैडेट्स शामिल रहे।
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3347 ने निकाली जनधन खाते से राशि
प्रधानमंत्री जनधन खाते के अंतिम अंक के हिसाब से लाभार्थी निरंतर अपने खाते से रकम निकाल रहे हैं। शारीरिक दूरी का पालन कराने के लिहाज से की गई इस व्यवस्था के तहत 3347 नए लाभार्थियों ने अपने हिस्से की राशि निकाली।