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Coronavirus: सरकारी दफ्तरों में फाइलें घटा रही हैं शारीरिक दूरी, बढ़ सकती है मुश्किल

अधिकारी और कर्मचारी कोरोना को हराने की जंग में दिन रात एक किए हुए हैं। इन सब के बीच शारीरिक दूरी का पालन करना इनके लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 08 Apr 2020 06:40 PM (IST)Updated: Wed, 08 Apr 2020 06:40 PM (IST)
Coronavirus: सरकारी दफ्तरों में फाइलें घटा रही हैं शारीरिक दूरी, बढ़ सकती है मुश्किल
Coronavirus: सरकारी दफ्तरों में फाइलें घटा रही हैं शारीरिक दूरी, बढ़ सकती है मुश्किल

देहरादून, जेएनएन। सरकारी विभागों के अधिकारी और कर्मचारी कोरोना को हराने की जंग में दिन रात एक किए हुए हैं। इन सब के बीच शारीरिक दूरी का पालन करना इनके लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। समस्या उस समय खड़ी हो रही जब फाइल को इधर से उधर पहुंचाना हो या हस्ताक्षर के लिए उसे अधिकारी के पास ले जाना हो।

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दरअसल, कोरोना के खिलाफ चल रही तैयारियों के बीच पूरा सरकारी तंत्र लगा हुआ है। क्वारंटाइन सेंटरों की देखभाल से लेकर वहां आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और अन्य व्यवस्थाओं के लिए सभी विभागों को जिम्मेदारियां बांटी गई हैं। इसके लिए अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक अपने काम में लगे हुए हैं। कलक्ट्रेट, तहसील में इन दिनों राहत सामग्री के वितरण आदि को लेकर कर्मचारी लगे हुए हैं।

इसी तरह उद्यान विभाग, जिला पंचायत आदि में भी कर्मचारियों का आना-जाना लगा हुआ है। हालांकि कोरोना से सुरक्षा को लेकर यह कर्मचारी पूरी सावधानी बरत रहे हैं, लेकिन फाइलों से संक्रमण के खतरे को नजरअंदाज नही किया जा सकता।

सभी कर्मचारियों को मिले बीमा कवर: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कार्यकारी महामंत्री अरुण पांडेय ने कहा कि सरकार को उन सभी कर्मचारियों को बीमा कवर देना चाहिये जो इस समय बन रही व्यवस्था में प्रतिभाग कर रहे हैं।

बंदियों को 15 दिन क्वारंटाइन रखने के बाद ही बैरक में एंट्री

सूबे की जेलों में आने वाले नए बंदियों को पहले 15 दिन क्वारंटाइन रखने के बाद ही बैरक में एंट्री दी जा रही है। जेल प्रशासन ने यह कदम जेल में पहले से बंद कैदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए उठाया है। इसके लिए जेलों की डिस्पेंसरी और जेल की परिसर में दो अलग-अलग क्वारंटाइन रूम बनाए गए हैं। यहां रखे जाने वाले नए कैदियों की नियमित स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। दरअसल, सूबे की जेलों से करीब साढ़े आठ सौ विचाराधीन और सजायाफ्ता बंदियों को रिहा किए जाने के बाद भी बंदियों का बोझ कम नहीं हुआ है। 

बैरकों में अभी भी क्षमता से अधिक बंदी रखे गए हैं। ऐसे में शारीरिक दूरी का पालन कराना यहां चुनौती बना हुआ है। ऐसी स्थिति में बाहर से आने वाले बंदियों को अगर संक्रमण हुआ तो स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है। इसे देखते हुए जेल प्रशासन ने एहतियात के तौर पर कई कदम उठाए हैं। अपर पुलिस महानिदेशक जेल डॉ पीवीके प्रसाद ने बताया कि जेलों में बंद कैदियों को कोरोना से बचाने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सभी जेलों की बैरकों का नियमित सेनिटाइजेशन कराया जा रहा है। सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

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पर्यटन मंत्री ने लिया फीडबैक

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने मंगलवार को अपर पुलिस महानिदेशक जेल डॉ. पीवीके प्रसाद से जेलों में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए की जा रही तैयारियों के बारे में जानकारी ली। मंत्री ने जेलों में रोज सैनिटाइजेशन कराने व बंदियों के नियमित स्वास्थ्य जांच कराते रहने का निर्देश दिया। एडीजी ने बताया कि जेलों में सेनिटाइजेशन नियमित किया जा रहा है। सफाई का भी ख्याल रखा जा रहा है। 

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