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coronavirus effect: कोरोना वायरस से उद्योगों में 60 फीसद तक गिरा उत्पादन, ओवरटाइम शिफ्ट हुई बंद

कोरोना वायरस उत्तराखंड के उद्योग-धंधों पर भी कहर ढा रहा है। बीते कुछ दिनों में प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों का उत्पादन 60 फीसद तक गिर गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 17 Mar 2020 05:29 PM (IST)Updated: Tue, 17 Mar 2020 05:29 PM (IST)
coronavirus effect: कोरोना वायरस से उद्योगों में 60 फीसद तक गिरा उत्पादन, ओवरटाइम शिफ्ट हुई बंद
coronavirus effect: कोरोना वायरस से उद्योगों में 60 फीसद तक गिरा उत्पादन, ओवरटाइम शिफ्ट हुई बंद

देहरादून, अशोक केडियाल। कोरोना वायरस उत्तराखंड के उद्योग-धंधों पर भी कहर ढा रहा है। बीते कुछ दिनों में प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों का उत्पादन 60 फीसद तक गिर गया है। जिसकी वजह है देश की सीमाएं सील होने के बाद आयात-निर्यात पर लगी रोक। उत्पादन घटने से उद्योगों में ओवरटाइम शिफ्ट भी फिलहाल बंद चल रही है। 

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कोरोना वायरस से सुरक्षा के मद्देनजर फिलहाल देश की सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं। इससे देश में पड़ोसी देशों से कच्चे माल की आपूर्ति भी बंद हो गई है। इसके साथ तैयार माल का निर्यात भी ठप है। जिसका पूरे देश के उद्योग-धंधों पर विपरीत असर पड़ा है। उत्तराखंड के उद्योग भी इससे अछूते नहीं हैं। एकाएक मांग घटने और कच्चा माल न मिलने के कारण रोजाना 18 से 20 घंटे तक उत्पाद करने वाले प्रदेश के बड़े, मध्यम, लघु व सूक्ष्म उद्योगों में फिलहाल सिर्फ रूटीन टाइम में ही प्रोडक्शन चल रहा है। 

हालांकि, उद्योगपतियों ने आशा जताई है कि वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक उद्योग जगत को कोरोना संकट से उबारने के लिए कर्ज सस्ता करने की जो रणनीति बना रहे हैं, उससे राहत मिलेगी। 

तीन गुना दाम पर मिल रहा कच्चा माल 

उत्तराखंड के तमाम उद्योग कच्चे माल के लिए चीन पर आश्रित हैं। इन औद्योगिक इकाइयों में 60 से 70 फीसद कच्चा माल चीन से आयात किया जाता है। लेकिन, चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ने के साथ ही वहां से आयात-निर्यात रोक दिया गया था। इसका फायदा उठाकर कच्चा माल दो से तीन गुना अधिक दरों पर बेचा जा रहा है। जिसे खरीदना सभी औद्योगिक इकाइयों के बस की बात नहीं है। उद्योगपतियों का कहना है कि महंगे दाम पर कच्चा माल खरीदने से प्रोडक्ट की लागत बहुत अधिक बढ़ जाएगी। 

फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर ज्यादा प्रभावित 

सूबे में कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर पर पड़ा है। उत्तराखंड में 305 फार्मास्युटिकल और 22 हजार 933 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने और असेंबलिंग की इकाइयां हैं, जिनका मासिक कारोबार पांच सौ करोड़ के आसपास है। फार्मा इकाइयों में 80 से अधिक कच्चा माल चीन से आता था। जो  करीब एक माह से ठप है। यही हाल इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री का भी है। खिलौने, विद्युत उपकरण, किचन का सामान, सजावटी वस्तुएं, मोटर वाहनों के प्लास्टिक पार्ट्स, मनोरंजन की वस्तुएं आदि भी चीन से आती हैं। चीन में शटडाउन के कारण इनका आयात भी पूरी तरह ठप है।   

मोबाइल पर बढ़ सकती है जीएसटी 

राज्य के उद्योगपतियों ने इस बात की भी आशंका जताई है कि भारत की आर्थिक सुस्ती और कोरोना वायरस के प्रभाव के चलते मोबाइल पर जीएसटी दर 12 से बढ़ाकर 18 फीसद की जा सकती है। द इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आइसीईए) ने सरकार से मोबाइल पर माल और सेवाकर (जीएसटी) नहीं बढ़ाने का आग्रह किया है। 

मास्क पहनकर कर रहे कार्य 

उत्तराखंड में कोरोना वायरस का एक मामला सामने आने के बाद लगभग सभी औद्योगिक इकाइयों में सैनिटाइजर और मास्क का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जा रहा है। इसे लेकर उत्तराखंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन भी सतर्क है। 

उत्तराखंड का औद्योगिक परिदृश्य 

उद्योग, संख्या, निवेश (करोड़ में), रोजगार 

बड़े और मध्यम, 312, 38800, 1.59 लाख 

एमएसएमई, 60534, 12844, 2.99 लाख 

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सीआइआइ के अध्यक्ष अशोक विंडलास का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र की कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवेलपमेंट की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस से प्रभावित दुनिया की 15 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत भी है। चीन में उत्पादन में आई कमी का असर भारत के व्यापार पर भी पड़ा है। इससे भारत की अर्थव्यवस्था को करीब 34.8 करोड़ डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है। इससे उत्तराखंड का उद्योग जगत भी प्रभावित होगा। 

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उत्तराखंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकड गुप्ता का कहना है कि देश-दुनिया में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण देशभर का उद्योग जगत प्रभावित है। उत्तराखंड में अधिकतर कच्चा माल चीन से आता है, जो पिछले एक माह से ठप है। इससे उद्योगों का उत्पादन घटता जा रहा है। अधिकतर उद्योगों ने ओवरटाइम शिफ्ट बंद कर दी हैं। केवल रूटीन में ही उत्पादन कार्य चल रहा है।  

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