कोरोना ने बदली भारतीय सैन्य अकादमी की परम्पराएं, पीओपी के बाद नए युवा अफसरों को नहीं मिलेगी छुट्टी
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इस बार भारतीय सैन्य अकादमी की वर्षों पुरानी परम्परा भी बदलने जा रही है।
देहरादून, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इस बार भारतीय सैन्य अकादमी की वर्षों पुरानी परम्परा भी बदलने जा रही है। पासिंग आउट परेड में जहां इस बार अभिभावक शामिल नहीं होंगे, वहीं युवा अधिकारियों को सात दिन की छुट्टी भी नहीं मिलेगी। पीओपी के बाद उन्हें सीधा बटालियन ज्वाइन करनी होगी। कैडेटों के कांधे पर सितारे भी उनके गुरुजन लगाएंगे। बता दें, आगामी 13 जून को आइएमए में पासिंग आउट परेड होने जा रही है, जिसमें 423 कैडेट अंतिम पग भरेंगे। जिनमें 333 भारतीय और 90 विदेशी कैडेट हैं।
दून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी में न केवल देश बल्कि विदेश के भी जेंटलमैन कैडेटों को प्रशिक्षण दिया जाता है। अकादमी की स्थापना से लेकर अब तक देश विदेश की सेनाओं को 62 हजार 139 युवा अफसर मिल चुके हैं। इनमें मित्र देशों के 2413 युवा अफसर भी शामिल हैं। वर्तमान में अकादमी में भारत के अलावा अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, मालदीव, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फिजी आदि मित्र देशों के भी कैडेट सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
पासिंग आउट परेड में न केवल कैडेटों के परिवार के लोग बल्कि देश विदेश से कई गणमान्य लोग भी शिरकत करते रहे हैं, लेकिन अभी जिस तरह की स्थिति है, लोगों को शारीरिक दूरी के नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा जा रहा है। ऐसे में अकादमी प्रबंधन ने भी पीओपी के तहत होने वाली विभिन्न गतिविधियों को सीमित कर दिया है। परेड का स्वरूप इस बार भव्य नहीं, बल्कि रस्म अदायगी तक सीमित रहेगा। इस बार जेंटलमैन कैडेटों के अभिभावक और नाते-रिश्तेदार भी परेड में शिरकत नहीं करेंगे। इतना ही नहीं अन्य लोगों की भी संख्या सीमित रखी जाएगी।
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आइएमए के जनसंपर्क अधिकारी ले कर्नल अमित डागर के अनुसार पासिंग आउट परेड में कोरोना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी का पूरा पालन किया जाएगा। इसी कारण तमाम गतिविधियां सीमित की गई हैं।
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