Move to Jagran APP

कोरोना संक्रमण ने रोकी इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग की राह, प्रतिवर्ष एक से तीन महीने का औद्योगिक प्रशिक्षण लेते हैं दस हजार छात्र-छात्राएं

कोरोना संक्रमण से न केवल उच्च शिक्षा संस्थानों की पढ़ाई लगभग ठप है बल्कि हजारों छात्रों की इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग भी नहीं हो पाई। प्रदेश में आइआइटी आइआइएम बीटेक के करीब दस हजार छात्र-छात्राएं प्रतिवर्ष एक से तीन महीने का औद्योगिक प्रशिक्षण लेते हैं। यह अंतिम सेमेस्टर के साथ अनिवार्य है।

By Sumit KumarEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 05:21 PM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 05:21 PM (IST)
कोरोना संक्रमण ने रोकी इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग की राह, प्रतिवर्ष एक से तीन महीने का औद्योगिक प्रशिक्षण लेते हैं दस हजार छात्र-छात्राएं
कोरोना संक्रमण से हजारों छात्रों के लिए अति आवश्यक इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग नहीं हो पाई है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना संक्रमण से न केवल उच्च शिक्षा संस्थानों की पढ़ाई लगभग ठप है, बल्कि हजारों छात्रों के लिए अति आवश्यक इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग भी नहीं हो पाई। प्रदेश में आइआइटी, आइआइएम, बीटेक, पालीटेक्निक व आइटीआइ के करीब दस हजार छात्र-छात्राएं प्रतिवर्ष एक से तीन महीने का औद्योगिक प्रशिक्षण लेते हैं। यह अंतिम सेमेस्टर के साथ अनिवार्य है। लेकिन इस वर्ष अभी तक करीब 99 फीसद छात्र-छात्राओं ने यह प्रशिक्षण नहीं लिया। केवल डीआइटी, यूपीईएस, ग्राफिक एरा डीम्ड विवि जैसे निजी विवि के कुछ छात्रों ने ऑनलाइन माध्यम से इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग प्राप्त की है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीईटी) के नये पाठ्यक्रम में बीटेक के सभी विषयों के छात्रों को तीसरे और पांचवे सेमेस्टर में तीन महीने की इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग अति अनिवार्य है। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इस बार अभी तक इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग नहीं हुई है। केवल आइटीआइ संस्थानों को एक अक्टूबर से केंद्र सरकार ने खोल दिया था जिससे शारीरिक दूरी नियम का पालन करते हुए करीब पचास फीसद छात्र-छात्राएं ट्रेनिंग लेने में सफल रहे हैं।

loksabha election banner

यह भी पढ़ेंः IMA Passing Out Parade: पीओपी के लिए जारी हुआ यातयात प्लान, इसे देखकर ही घर से निकलें

निरंजनपुर आइटीआइ के प्रधानाचार्य अनिल कुमार गुसाईं ने कहा कि विभिन्न आइटीआइ तकनीकी ट्रेडों के छात्र-छात्राओं को बैच बनाकर ट्रेनिंग दी गई ताकि शारीरिक दूरी नियम का पालन हो सके। वर्कशाप में मास्क का प्रयोग व सैनिटाइजर का नियमित प्रयोग किया गया। उधर, महिला प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक डॉ. आरपीएस गंगावार ने पुष्टि करते हुए कहा कि संस्थान में बीटेक की छात्राओं का इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग अभी तक नहीं हो पाई है। आशा है कि आने आगे वाले समय में कोरोना संक्रमण की दर कम होने ओर हालात सामान्य होने पर प्रशिक्षण दिया जा सकता है। लघु उद्योग भारती के महामंत्री एमएस तोमर ने कहा कि सभी उच्च शिक्षा से जुड़े विषयों विशेषकर तकनीकी ट्रेडों के लिए इंडस्ट्रीयल प्रशिक्षण अति अनिवार्य है।

यह भी पढ़ेंः मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने ली स्पेशल असिस्टेंस फॉर कैपिटल एक्सपेंडिचर योजना के संबंध में बैठक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.