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उत्‍तराखंड में हिम तेंदुओं के राज से पर्दा उठने को बढ़ा इंतजार, पढ़ि‍ए पूरी खबर

उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिम तेंदुओं की वास्तव में कितनी संख्या है इससे पर्दा उठने के लिए अब इंतजार और बढ़ गया है। हिम तेंदुओं की गणना के मद्देनजर अगले चरण के फील्ड सर्वे और कैमरा टै्रैप लगाने के कार्य में कोरोना संक्रमण ने बाधा खड़ी कर दी है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 03:05 PM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 11:14 PM (IST)
उत्‍तराखंड में हिम तेंदुओं के राज से पर्दा उठने को बढ़ा इंतजार, पढ़ि‍ए पूरी खबर
उत्तराखंड में पहली बार हो रही हिम तेंदुओं की गणना में कोरोना ने डाली बाधा।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिम तेंदुओं (स्नो लेपर्ड) की वास्तव में कितनी संख्या है, इस राज से पर्दा उठने के लिए अब इंतजार और बढ़ गया है। हिम तेंदुओं की गणना के मद्देनजर अगले चरण के फील्ड सर्वे और कैमरा ट्रैप लगाने के कार्य में कोरोना संक्रमण ने बाधा खड़ी कर दी है। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग के अनुसार परिस्थितियां सामान्य होने के बाद ये कार्य तेजी से किए जाएंगे।

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उच्च हिमालयी क्षेत्रों में लगे कैमरा ट्रैप में अक्सर हिम तेंदुओं की तस्वीरें कैद होती आई हैं, मगर इनकी वास्तविक संख्या कितनी है यह अभी तक रहस्य बना हुआ है। इसे देखते हुए राज्य में चल रही सिक्योर हिमालय परियोजना के तहत उच्च हिमालयी क्षेत्र के उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, बदरीनाथ, केदारनाथ वन प्रभागों के साथ ही नंदादेवी बायोस्फीयर रिजर्व, गंगोत्री नेशनल पार्क, गोविंद वन्यजीव विहार में हिम तेंदुओं की गणना का निर्णय लिया गया।

12800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस दुरूह क्षेत्र को 80 ग्रिड में विभक्त किया गया। फिर पिछले साल नवंबर में 80 टीमों ने अपने-अपने ग्रिड का फील्ड सर्वे किया। इसमें जगह-जगह हिम तेंदुओं की मौजूदगी के प्रमाण मिले तो कई जगह ये प्रत्यक्ष रूप से भी नजर आए। गणना के तहत इस साल अपै्रल में छूटे हुए इलाकों का फील्ड सर्वे और फिर मई में करीब 150 कैमरा ट्रैप लगाए जाने थे। अगले चरण में अक्टूबर में फील्ड सर्वे और कैमरा ट्रैप से मिले चित्रों के आधार पर आकड़ों का विश्लेषण कर नवंबर तक गणना के नतीजे सार्वजनिक होने की उम्मीद थी।

इस बीच राज्य में अप्रैल से कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के तेज होने के कारण हिम तेंदुओं की गणना से संबंधित कार्य भी प्रभावित हुए हैं। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग के अनुसार फिलवक्त जैसी परिस्थितियां हैं, उसने चुनौती और बढ़ा दी है।

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