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Coronavirus: पिथौरागढ़ में बढ़ा कोरोना का प्रसार, सिस्टम में बेचैनी

Coronavirus उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण से कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं रहा है। न केवल मैदान बल्कि दुरुह पर्वतीय क्षेत्रों तक भी इसकी मार पड़ रही है। फिलवक्त सीमांत जिले पिथौरागढ़ ने सिस्टम की नींद उड़ाई हुई है। नवंबर माह में यहां कोरोना के आंकड़े तेजी से बढ़े हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 10:09 PM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 10:09 PM (IST)
Coronavirus: पिथौरागढ़ में बढ़ा कोरोना का प्रसार, सिस्टम में बेचैनी
सीमांत जिले पिथौरागढ़ ने सिस्टम की नींद उड़ाई हुई है। नवंबर में यहां कोरोना के आंकड़े तेजी से बढ़े हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून: Coronavirus उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण से कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं रहा है। न केवल मैदान बल्कि दुरुह पर्वतीय क्षेत्रों तक भी इसकी मार पड़ रही है। फिलवक्त सीमांत जिले पिथौरागढ़ ने सिस्टम की नींद उड़ाई हुई है। नवंबर माह में यहां कोरोना के आंकड़े तेजी से बढ़े हैं। इस दरमियान जहां 775 लोग संक्रमित हुए, वहीं 16 मरीजों ने कोरोना के कारण दम भी तोड़ दिया। बीते माह यहां पॉजिटिविटी रेट 7.81 फीसद रहा, जबकि प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 3.93 फीसद था। इस लिहाज से पिथौरागढ़ में संक्रमण का प्रसार दोगुनी रफ्तार से हुआ है। सिस्टम की बेचैनी तब बढ़ी जब एक दिसम्बर को टेस्ट किए गए सैंपल में 19 फीसद पॉजिटिव निकले।

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अनलॉक में मिली तमाम रियायतों और लोगों की बेफिक्री का ही नतीजा है कि संक्रमण की रफ्तार एक बार फिर तेज होने लगी है। देश में तो मामले बढ़ ही रहे हैं, उत्तराखंड में भी पहाड़ से लेकर मैदान तक इसका असर दिख रहा है। यहीं नहीं सीमांत क्षेत्र तक भी कोरोना पांव पसार चुका है। पिथौरागढ़ जिले की ही बात करें तो यहां कोरोना का पहला मामला 22 मई को आया था। नवंबर अंत तक संक्रमितों की कुल संख्या 2245 पहुंच गई। चौकाने वाली बात ये है कि इनमें 35 फीसद मामले नवंबर माह के हैं। अधिकारी इसलिए भी चिंता में हैं कि जिले में 72 फीसद मौत गत माह हुई हैं।

जानकार यह मान रहे हैं कि इस स्थिति के लिए कहीं न कहीं सिस्टम ही जिम्मेदार है। शादियों का सीजन है और इस दौरान दिल्ली, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों से बेरोकटोक आवाजाही रही है। बॉर्डर पर की जांच या स्क्रीनिंग को लेकर भी कोई मुस्तैदी अब दिखाई नहीं दे रही। बाकी कसर लोग पूरी कर रहे हैं। मास्क, सैनिटाइजेशन व शारीरिक दूरी को लेकर लोग बेपरवाह हैं और पुलिस-प्रशासन भी किसी तरह की सख्ती नहीं दिखा रहा। वहीं बीच-बीच में नेपाल से होने वाले आवाजाही का भी असर दिख रहा है।

इधर, जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे का कहना है कि हालिया स्थिति को देखते हुए जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है। इसके अलावा वेडिंग प्वाइंट संचालकों की भी बैठक बुलाई गई है। ताकि शादी-समारोह में कोविड-19 की गाइडलाइन का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके। मास्क, शारीरिक दूरी के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

अंतरराष्ट्रीय झूला पुलों पर विशेष सतर्कता

 कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कुमाऊं  कमिश्नर अरविंद सिंह हयांकी ने धारचूला तहसील प्रशासन को बीच-बीच में खुलने वाले अंतरराष्ट्रीय झूला पुलों पर विशेष सतर्कता रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने को कहा है। पुल से आने-जाने वाले लोगों की कोरोना जांच के अलावा गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराने के निर्देश भी उन्होंने दिए हैं। बुधवार को क्षेत्र भ्रमण के दौरान कहा कि अधिकारी कोविड-19 को लेकर खुद सुरक्षित रहते हुए आम लोगो को भी सुरक्षित रहने के लिए  प्रेरित करें। इस दौरान एसडीएम केएन गोस्वामी, तहसीलदार नंदराम आर्य आदि साथ रहे। 

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