Corona in Uttarakhand : पिछले 24 घंटे में 10 जिलों में नहीं मिला कोरोना का नया मामला, 21 मरीज हुए स्वस्थ
Corona in Uttarakhand 24 घंटे में कोरोना के 12 नए मामले मिले जबकि 21 मरीज स्वस्थ हुए हैं। प्रदेश में फिलवक्त कोरोना के 84 सक्रिय मामले हैं। देहरादून में सबसे अधिक 57 जबकि हरिद्वार में सात व नैनीताल में छह सक्रिय मामले हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून: Corona in Uttarakhand : प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 12 नए मामले मिले, जबकि 21 मरीज स्वस्थ हुए हैं। कोरोना से किसी मरीज की मौत नहीं हुई है।
वहीं, कोरोना संक्रमण दर 0.90 प्रतिशत रही। प्रदेश में फिलवक्त कोरोना के 84 सक्रिय मामले हैं। देहरादून में सबसे अधिक 57 जबकि हरिद्वार में सात व नैनीताल में छह सक्रिय मामले हैं। चार जिलों बागेश्वर, चम्पावत, पिथौरागढ़ और रुद्रप्रयाग में कोरोना का कोई सक्रिय मामला नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार निजी व सरकारी लैब से 1336 सैंपल की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इनमें 1324 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। देहरादून में सबसे अधिक आठ लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा हरिद्वार में तीन व उत्तरकाशी में एक व्यक्ति संक्रमित मिला है।
अन्य 10 जिलों अल्मोड़ा, बागेश्वर, चम्पावत, पिथौरागढ़, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, व टिहरी में कोरोना का कोई नया मामला नहीं है। इधर, विभिन्न जिलों से 2035 सैंपल कोरोना जांच को भेजे गए हैं। इस साल प्रदेश में कोरोना के 92,693 मामले आए हैं। इनमें 89,080 (96.10 प्रतिशत) लोग कोरोना को मात दे चुके हैं। कोरोना से इस साल 275 मरीजों की मौत भी हुई है।
कोरोना से मृत्यु पर मुआवजे के 47 आवेदन अपूर्ण
कोरोना से मृत्यु के मामले में स्वजन को 50 हजार रुपये का मुआवजा देने का प्रविधान किया गया है। इसको लेकर शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने आवेदन मांगे थे। इनमें से 47 आवेदन ऐसे पाए गए हैं, जिनके दस्तावेज पूर्ण नहीं हैं। लिहाजा, प्रशासन ने दस्तावेजों को ठीक करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।
शुक्रवार को अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) केके मिश्रा ने मुआवजे के आवेदनों की समीक्षा की। उन्होंने पाया कि 47 आवेदन अपूर्ण होने के चलते संबंधितों को मुआवजा देना संभव नहीं हो पा रहा। उन्होंने निर्देश जारी किए आवेदनों की त्रुटियां दूर कर उन्हें एक सप्ताह के भीतर जिला आपदा परिचालन केंद्र में जमा कराया जाए। क्योंकि, उच्चतम न्यायालय में दायर याचिकाओं पर पारित आदेश के अनुसार कोरोना से मृत्यु के 90 दिन के भीतर आवेदन करना जरूरी है। आवेदन पूर्ण न होने की दशा में मुआवजा जारी नहीं किया जाएगा।