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सिडकुल घोटाला : निर्माण कार्यों में सामने आई बड़ी घपलेबाजी, ब्लैकलिस्टेड कंपनी को दिए गए ठेके

राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (सिडकुल) में हुए निर्माण कार्यों में बड़ी घपलेबाजी सामने आई है। 2012 के दौरान निर्माण विभाग ने नियमों को ताक पर रखकर कुछ समय के लिए ब्लैकलिस्ट की गई उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) को निर्माण कार्यो के ठेके दे दिए थे।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 09:45 AM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 09:45 AM (IST)
सिडकुल घोटाला : निर्माण कार्यों में सामने आई बड़ी घपलेबाजी, ब्लैकलिस्टेड कंपनी को दिए गए ठेके
सिडकुल निर्माण कायरें में हुए घोटाले की जांच के लिए बनी एसआइटी के साथ बैठक करते आइजी अभिनव कुमार।

देहरादून, जेएनएन। राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (सिडकुल) में हुए निर्माण कार्यों में बड़ी घपलेबाजी सामने आई है। 2012 के दौरान निर्माण विभाग ने नियमों को ताक पर रखकर कुछ समय के लिए ब्लैकलिस्ट की गई उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) को निर्माण कार्यों के ठेके दे दिए थे। इसके अलावा पांच करोड़ रुपये की धनराशि से कम के निर्माण कार्यो के ठेके उत्तराखंड की स्थानीय कार्यदायी संस्था को देने के बजाय मानकों के विपरीत अन्य कार्यदायी संस्थाओं को दिए गए। बुधवार को हुई समीक्षा बैठक के दौरान कार्यो की जांच के लिए बनाई गई विशेष जांच दल (एसआइटी) की ओर से पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र (आइजी) अभिनव कुमार को सौंपे दस्तावेज के बाद इसका पर्दाफाश हुआ।

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बैठक में सिडकुल प्रकरण की 56 पत्रवलियों की समीक्षा की गई। इसमें देहरादून जनपद की 11, हरिद्वार की छह, ऊधमसिंह नगर की 12, नैनीताल की छह, अल्मोड़ा की दो, पिथौरागढ़ की दो, पौड़ी गढ़वाल की 12, टिहरी की चार व उत्तरकाशी जनपद की एक पत्रवली शामिल थी। आइजी ने बताया कि सभी पत्रवलियों की जांच 15 दिसंबर तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।

वहीं, पिथौरागढ़ व उत्तरकाशी में जांच अधिकारियों की ओर से जांच में देरी करने की बात सामने आई है। इसलिए संबंधित अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर जांच करने को कहा है।

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) जिला देहरादून के कनिष्ठ अभियंता की ओर से अब तक तकनीकी रिपोर्ट नहीं दी गई है, इस संबंध में एसआइटी जांच में नामित तकनीकी टीम को सहयोग देने के लिए पीडब्ल्यूडी के सचिव से अनुरोध किया गया है। ऊधमसिंह नगर जिले के एक निर्माण कार्य की मेजरमेंट बुक एसआइटी की ओर से मांगने पर उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। संबंधित अधिकारियों को सरकारी दस्तावेज उपलब्ध करवाने के लिए अंतिम मौका दिया गया है। इसके बाद दस्तावेज गायब होने की आशंका को देखते हुए अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए जिला प्रभारी को निर्देश दिए गए हैं।

समीक्षा बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ऊधमसिंह नगर दलीप सिंह कुंवर, पुलिस अधीक्षक नगर हरिद्वार कमलेश उपाध्याय, अपर पुलिस अधीक्षक ऊधमसिंह नगर देवेंद्र सिंह पींचा, अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार प्रदीप कुमार राय, अपर पुलिस अधीक्षक नैनीताल राजीव मोहन, पुलिस उपाधीक्षक देहरादून नरेंद्र पंत, पुलिस उपाधीक्षक टिहरी प्रमोद शाह, पुलिस उपाधीक्षक अल्मोड़ा वीर सिंह, पुलिस उपाधीक्षक पिथौरागढ़ राजन सिंह रौतेला आदि मौजूद रहे।

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