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यात्री को हुई तकलीफ की भरपाई करेगी एयरलाइन कंपनी

टिकट रद होने के कारण यात्री को हुई तकलीफ की भरपाई एयरलाइन कंपनी को करनी होगी। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने 25 हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति व पांच हजार रुपये वाद व्यय के रूप में अदा करने का आदेश दिया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 07:24 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 07:24 PM (IST)
यात्री को हुई तकलीफ की भरपाई करेगी एयरलाइन कंपनी
यात्री को हुई तकलीफ की भरपाई करेगी एयरलाइन कंपनी

जागरण संवाददाता, देहरादून: टिकट रद होने के कारण यात्री को हुई तकलीफ की भरपाई एयरलाइन कंपनी को करनी होगी। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने 25 हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति व पांच हजार रुपये वाद व्यय के रूप में अदा करने का आदेश दिया है। इसके अलावा उपभोक्ता पर पड़े अतिरिक्त खर्च का भुगतान भी एयरलाइन कंपनी करेगी।

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डिफेंस कालोनी निवासी प्रीति रावत ने इंटरग्लोब एविएशन (इंडिगो) व एचडीएफसी बैंक को पक्षकार बना जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में वाद दायर किया था। प्रीति के अनुसार, उन्होंने अपने दो बच्चों व स्वयं के लिए दिल्ली से जम्मू के लिए इंडिगो एयरलाइन के आनलाइन टिकट बुक किए थे। जिसका भुगतान एचडीएफसी बैंक के क्रेडिट कार्ड से किया। पर जब वह एयरलाइन के काउंटर पर बोर्डिंग पास लेने पहुंचीं तो बताया गया कि उनकी कोई बुकिंग नहीं है। इसे रद कर दिया गया था। इस स्थिति में उन्हें एक दिन दिल्ली में रुकना पड़ा। जहां आने-जाने में टैक्सी का 730 रुपये किराया उन्होंने दिया। साथ ही अगले दिन के लिए 18 हजार 684 रुपये में गो-एयर से टिकट बुक कराए। जिसमें उनके 9233 रुपये अतिरिक्त खर्च हुए। बताया कि इंडिगो ने टिकट बुकिंग के दस दिन बाद रकम उनके खाते में वापस की।

इंडिगो एयरलाइन ने आयोग में अपना पक्ष रखते कहा कि भुगतान पूरा ना होने के कारण उक्त बुकिंग होल्ड रखी गई थी। उपभोक्ता को यह बताया गया था कि भुगतान किए जाने पर बुकिंग कन्फर्म कर दी जाएगी। पर वह भुगतान करने में असफल रहीं। यह मामला उनके व बैंक के बीच का है और इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है। जिस पर परिवादिनी ने क्रेडिट कार्ड के विवरण की प्रति आयोग में दाखिल की। इसमें इंडिगो एयरलाइन को 9451 रुपये का भुगतान होना दर्शाया गया था। इंडिगो की ओर से ऐसा कोई प्रमाण नहीं दिया गया कि यह रकम उनके खाते में अंतरित नहीं हुई है। वहीं, उसकी ओर से दाखिल प्रपत्र से भी यह निष्कर्ष निकला कि बुक किए गए टिकट किसी निजी हित के कारण रद कर दिए गए।

आयोग के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह दुग्ताल और सदस्य अलका नेगी व विमल प्रकाश नैथानी ने प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर माना कि एयरलाइन कंपनी ने अपने स्तर पर घोर लापरवाही व सेवा में कमी की। ऐसे में उपभोक्ता मानसिक क्षतिपूर्ति व वाद व्यय के साथ ही टिकट पर खर्च की गई अतिरिक्त रकम और टैक्सी व खाने-पीने के खर्च के रूप में 11,463 रुपये पाने की अधिकारी है। जबकि बैंक के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता।


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