Move to Jagran APP

कांग्रेस का सीएम रावत पर सस्ती जमीन खरीदने का आरोप, भाजपा ने किया पलटवार

कांग्रेस ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर थानो के समीप औने-पौने दामों पर जमीन खरीदने का आरोप लगाया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 21 May 2019 08:30 PM (IST)Updated: Tue, 21 May 2019 08:45 PM (IST)
कांग्रेस का सीएम रावत पर सस्ती जमीन खरीदने का आरोप, भाजपा ने किया पलटवार
कांग्रेस का सीएम रावत पर सस्ती जमीन खरीदने का आरोप, भाजपा ने किया पलटवार

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से ठीक पहले कांग्रेस ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर थानो के समीप औने-पौने दामों पर जमीन खरीदने का आरोप लगाया है। विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत कई कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर पार्टनर संजय गुप्ता को लेकर हमले बोले। कांग्रेस ने मामले की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराने और मुख्यमंत्री से इस्तीफा देने की मांग की। प्रीतम सिंह ने कहा कि इस मामले में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद कांग्रेस आंदोलन करेगी। वहीं, भाजपा ने इस मामले को लेकर कांंग्रेस पर पलटवार करने में देर नहीं की।   

loksabha election banner

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में मंगलवार दोपहर मीडिया से बातचीत में विधायक करन माहरा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री और उनके पार्टनर संजय गुप्ता ने मिलकर नवंबर, 2016 से 31 जुलाई, 2017 तक चामासारी क्षेत्र में करीब 16 बीघा जमीन सस्ते में खरीदी। उन्होंने कहा कि नदी किनारे जमीन खरीदने के बाद जमीन से लगती नदी पर करीब 70 करोड़ की लागत से सूर्याधार झील बनाने की घोषणा की। जमीन खरीदने के छह महीने बाद 25 दिसंबर, 2017 को मुख्यमंत्री ने संजय गुप्ता के साथ झील निर्माण का शिलान्यास और भूमि पूजन किया। 

उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की पत्नी और संजय गुप्ता की पत्नी के नाम पर चामासारी स्थित संयुक्त जमीन की रजिस्ट्री 27 जुलाई, 2012 को की गई। इसके बाद 20 नवंबर, 2012 को फिर संयुक्त नामों से जमीन की रजिस्ट्री की गई। इसके बाद संजय गुप्ता ने आठ नवंबर, 2016 को वहीं जमीन खरीदी। मुख्यमंत्री के झील बनाने की घोषणा से करीब छह महीने पहले संजय गुप्ता ने जमीन खरीदी। करन माहरा ने संजय गुप्ता के स्टिंग की ऑडियो-वीडियो क्लिपिंग भी जारी की। 

गौरतलब है कि स्टिंग को लेकर आयुष गौड़ का नाम पहले भी उछल चुका है। उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह और उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा ने दावा किया कि उक्त भूमि खरीद से मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की पोल खुल गई है। हरिद्वार-बरेली एनएच-74 मुआवजा घपले में भी सरकार ने आज तक सीबीआइ जांच नहीं कराई। लोकायुक्त का गठन आज तक नहीं किया गया। 

सूर्यधार में मुख्यमंत्री और परिजनों की नहीं एक इंच भी जमीन

सूर्यधार परियोजना के पास सूर्यधार में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के परिजनों द्वारा भूमि खरीदने के कांग्रेस के आरोप पर भाजपा ने तुरंत पलटवार किया। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने साफ किया कि सूर्यधार में मुख्यमंत्री और उनके परिजनों की एक इंच जमीन भी नहीं है। जिस भूमि की कांग्रेस बात कर रही है, वह सूर्यधार से करीब 30 किलोमीटर दूर चामासारी में है। मुख्यमंत्री 2017 के विधानसभा चुनाव में इसे सार्वजनिक भी कर चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सूर्यधार में यदि मुख्यमंत्री और उनके परिजनों की कोई भूमि निकली तो वह और मुख्यमंत्री इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लोस चुनाव में अपनी स्थिति की आहट को महसूस कर लिया है। इसीलिए वह जनता को गुमराह कर रही है। इसके लिए कांग्रेस को जनता से माफी मांगनी चाहिए।

कांग्रेस के आरोप की दो घंटे के भीतर ही भाजपा ने हवा निकाल दी। प्रदेश मुख्यालय में भाजपा प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने जिस प्रकार से मनगढ़ंत कहानी बनाकर इसके आधार पर मुख्यमंत्री और उनके परिवार के चरित्रहनन की कोशिश की, वह शर्मनाक व दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कांग्रेस के आरोपों का बिंदुवार जवाब दिया।

चौहान ने कहा कि सूर्यधार परियोजना को 2016 में कांग्रेस सरकार ने स्वीकृति दी। जिन संजय गुप्ता का कांग्रेस नाम ले रही है, उनके द्वारा सूर्यधार में 2016 में भूमि ली गई थी। उन्होंने कहा कि संजय गुप्ता की पत्नी और मुख्यमंत्री की पत्नी के नाम 2017 और 18 में भूमि की जो रजिस्ट्री हुई, वह सूर्यधार से 30 किमी दूर चामासारी में है। इसका सूर्यधार से कोई संबंध नहीं है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में सूर्यधार प्रोजेक्ट की लागत 48 करोड़ थी। 2017 में भाजपा सरकार बनने के बाद इस प्रोजेक्ट के टेंडर निरस्त किए गए। प्रोजेक्ट को 30 करोड़ तक लाया गया। यानी 18 करोड़ की बचत की गई। परियोजना की झील की ऊंचाई भी दो मीटर बढ़ाई गई। इससे साफ है कि किसकी नेक नीयती कैसी है। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री ने इस परियोजना का शिलान्यास किया, तब उनके द्वारा लोगों से अपील की गई थी कि वे अपनी जमीनें न बेचें। इसका वीडियो भी उन्होंने मीडिया को दिखाया। उन्होंने कहा कि राह चलते लोगों के बयानों के आधार पर चीजें कहना गलत है। यह विरोधियों का षड़यंत्र है।

यह भी पढ़ें: डीएवी पीजी कॉलेज में एनएसयूआइ ने प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ किया प्रदर्शन

यह भी पढ़ें: लोकसभा चुनावः मतगणना को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने की तैयारी पूरी

यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बोले, जरूर बनेगा लालढांग-चिलरखाल मार्ग

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.