Move to Jagran APP

गैरसैंण-देहरादून पर त्रिवेंद्र के मास्टर स्ट्रोक से कांग्रेस बेचैन

गैरसैंण और देहरादून के मुद्दे अगले विधानसभा चुनाव के केंद्र में रहने वाले हैं। राज्य स्थापना दिवस के मौके पर तेजी से सियासी बैटिंग कर रहे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इन दोनों ही मामलों में अपना मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 03:08 PM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 03:08 PM (IST)
गैरसैंण-देहरादून पर त्रिवेंद्र के मास्टर स्ट्रोक से कांग्रेस बेचैन
गैरसैंण-देहरादून पर त्रिवेंद्र के मास्टर स्ट्रोक से कांग्रेस बेचैन।

देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। गैरसैंण और देहरादून के मुद्दे अगले विधानसभा चुनाव के केंद्र में रहने वाले हैं। राज्य स्थापना दिवस के मौके पर तेजी से सियासी बैटिंग कर रहे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इन दोनों ही मामलों में अपना मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है। उनके इस कदम से कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों में तीखी प्रतिक्रिया शुरू हो गई है। इन दोनों ही मुद्दों को लेकर सियासी खींचतान बढ़ना तय है। 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अब ज्यादा वक्त शेष नहीं है। 

loksabha election banner

सत्तारूढ़ भाजपा, प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत तमाम सियासी दल चुनाव को लेकर तैयारी में जुट गए हैं। ऐसे में पहले गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा और अब देहरादून को राजधानी बताकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सियासी हलचल बढ़ा दी है। इस साल विधानसभा के पहले और बजट सत्र को गैरसैंण में आहूत करने के दौरान गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा कर मुख्यमंत्री ने सबको चौंका दिया था। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस सरकार के इस कदम से भौंचक रह गई थी। 

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह को कहना पड़ा कि कांग्रेस की सरकार बनी तो गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाया जाएगा। इस बीच कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते आठ महीने से चुप बैठी भाजपा सरकार भी हरकत में आ गई है। राज्य स्थापना दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ने जिसतरह से फैसलों को लेकर सक्रियता बढ़ाई है, उससे विपक्षी दलों में भी बेचैनी साफ देखी जा रही है। उन्होंने गैरसैंण के साथ ही देहरादून के मुद्दे पर यह साफ करने की कोशिश की कि प्रचंड बहुमत की सरकार इस मुद्दे को ढुलमुल छोड़ने नहीं जा रही है।

 यानी राजधानी के पेचीदा मुद्दे के समाधान को लेकर प्रचंड बहुमत की सरकार ने सियासी तीर छोड़ दिया है। गैरसैंण के विकास के लिए 25 हजार करोड़ के पैकेज की घोषणा कर उन्होंने कांग्रेस की ओर से की जा रही घेराबंदी की धार कुंद करने की कोशिश की। मुख्यमंत्री की ओर से छोड़ा गया तीर निशाने पर लगा है। कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत तीखी प्रतिक्रिया के साथ आगे आए। 

यह भी पढ़ें: बढ़ती महंगाई के विरोध में महिला कांग्रेस ने किया प्रदर्शन

उन्होंने देहरादून को लेकर मुख्यमंत्री के बयान को संवैधानिक असंगत तक करार दे दिया है। बगैर कैबिनेट और राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श किए मुख्यमंत्री के इस निर्णय पर उन्होंने तीखे सवाल दागे हैं। दरअसल राज्य बनने के बाद से ही देहरादून अंतरिम राजधानी है। स्थायी राजधानी को लेकर अब तक किसी भी दल ने साफ स्टैंड लेने से गुरेज किया है। कांग्रेस गैरसैंण का मुद्दा हाथ से छिनने के डर से तिलमिलाई है, अब देहरादून को लेकर सियासी तपिश की तोड़ ढूंढने को उसे मजबूर होना पड़ेगा। इसी वजह से माना जा रहा है कि यह मुद्दा सियासी घमासान की आधार भूमि बनने जा रहा है।

यह भी पढ़ें: उत्‍तराखंड : पूर्व मंत्री लाखीराम जोशी भाजपा से निलंबित, पार्टी ने भेजा कारण बताओ नोटिस


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.