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सरकार और संगठन के बीच बढ़ी दूरियां, कांग्रेस हाईकमान चिंतित

हरीश रावत सरकार और कांग्रेस पार्टी के बीच बढ़ रही दूरियां हाईकमान के चिंता का सबब बन गई है। अब 24 अगस्‍त को कोई निर्णय निकलने की उम्‍मीद है।

By gaurav kalaEdited By: Published: Mon, 22 Aug 2016 08:21 PM (IST)Updated: Tue, 23 Aug 2016 06:00 AM (IST)
सरकार और संगठन के बीच बढ़ी दूरियां, कांग्रेस हाईकमान चिंतित

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ऐन पहले सरकार और प्रदेश संगठन के बीच बढ़ती दूरियों ने कांग्रेस आलाकमान के माथे पर चिंता की गहरी लकीरें डाल दी हैं। बीते कुछ महीनों में मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के बीच खींचतान तेज हुई है तो मंत्रिमंडल के सहयोगियों, विधायकों के साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी आंखें तरेरनी शुरू कर दी हैं। प्रदेश में कांग्रेस की सियासत में बढ़ रहे इस गतिरोध को दूर करने को आलाकमान के निर्देश पर प्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति की बैठक 24 अगस्त को दिल्ली में होगी।
प्रदेश के सत्तारूढ़ दल कांग्रेस में इन दिनों अंदरूनी सियासी संतुलन डोल रहा है। विधानसभा चुनाव नजदीक आते देख सियासी नफा-नुकसान को लेकर सरकार और संगठन के बीच रस्साकसी तेज होने को इसकी बड़ी वजह माना जा रहा है। सरकार पर संकट टालने में कामयाब रहे मुख्यमंत्री हरीश रावत अब आगे फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रहे हैं। खासतौर पर संकट के दौरान सरकार के विश्वसनीय सहयोगी साबित हुए निर्दलीय विधायकों, उक्रांद और बसपा विधायकों के संयुक्त मोर्चे पीडीएफ को लेकर मुख्यमंत्री के रुख पर कांग्रेस के भीतर ही अंगुलियां उठाई जा रही हैं।

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राज्य मंत्रिमंडल में शामिल निर्दलीय और उक्रांद विधायक प्रदेश कांग्रेस के लिए चिंता का बड़ा सबब बने हुए हैं। दरअसल, उक्त सभी विधायक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस प्रत्याशियों को हराकर ही सत्ता का सुख ले रहे हैं। अब सरकार में भी उनकी पूछ बढऩे से कांग्रेस के दिग्गजों में बेचैनी साफ दिखाई दे रही है। सरकार पर संकट के दौरान संगठन ने भी प्रदेशभर में माहौल बनाने में पूरी ताकत झोंकने से गुरेज नहीं किया। लेकिन, संगठन खुद को मिल रही तवज्जो से संतुष्ट नजर नहीं आ रहा है। जैसे-जैसे चुनाव का वक्त नजदीक आ रहा है, ये बेचैनी और बढऩे से पार्टी के भीतर खींचतान सिर उठा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय इस बेचैनी का कई बार इजहार कर चुके हैं, लेकिन समाधान नहीं हो पाया है। मंत्रिमंडल में मंत्रियों और विधायकों के साथ ही पूर्व विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों की ओर से भी सार्वजनिक बयानबाजी सरकार के लिए चिंता का सबब बनी है।

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नतीजतन सरकार और संगठन में कई मुद्दों पर मतभेद सार्वजनिक हो चुके हैं। विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल के भीतर पनप रहे हालात पर कांग्रेस आलाकमान गंभीर हुआ है। दोनों के बीच तालमेल बेहतर बनाने के लिए दिल्ली में 24 अगस्त को प्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति की बैठक बुलाई गई है।
समिति में मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी शामिल हैं। इस बैठक के सिलसिले में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की 24 अगस्त को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के ग्राम धु्रवपुर कोटद्वार में होने वाली मासिक बैठक स्थगित कर दी गई है। समन्वय समिति में हाईकमान के प्रतिनिधि के तौर पर प्रदेश प्रभारी अंबिका सोनी भी बतौर सदस्य शिरकत करेंगी।
समितियों के पदाधिकारियों का चयन करने जा रहा दिल्ली
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि दिल्ली में वे आने वाले चुनाव के मद्देनजर बनने वाले समितियों के गठन के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं। इस दौरान इन समितियों में रखे जाने वाले पदाधिकारियों के नामों पर चर्चा होगी।

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