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स्लाट बुक व्यवस्था से असमंजस में तीर्थयात्री, समझ नहीं आ रहा कैसे करें Chardham दर्शन?

Chardham Yatra 2022 चारधाम यात्रा लगातार गति पकड़ती जा रही है। धामों में उमड़ रही भीड़ और यात्रा मार्गों पर जाम व अन्य अव्यवस्थाओं को लेकर सरकार ने दर्शनों के लिए स्लाट बुक करने की व्यवस्था की हुई है।

By Edited By: Published: Tue, 17 May 2022 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 08:06 AM (IST)
स्लाट बुक व्यवस्था से असमंजस में तीर्थयात्री, समझ नहीं आ रहा कैसे करें Chardham दर्शन?
Chardham Yatra 2022 : दर्शनों के लिए स्लाट बुक करने की व्यवस्था

दुर्गा नौटियाल, ऋषिकेश : Chardham Yatra 2022 : चारधाम यात्रा लगातार गति पकड़ती जा रही है। धामों में उमड़ रही भीड़ और यात्रा मार्गों पर जाम व अन्य अव्यवस्थाओं को लेकर सरकार ने दर्शनों के लिए स्लाट बुक करने की व्यवस्था की हुई है। लेकिन, इस व्यवस्था में भी अब व्यावहारिक दिक्कतें सामने आने लगी हैं।

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खासकर चारों धाम के लिए स्लाट बुक कराने वाले श्रद्धालुओं को ऐसे अव्यावहारिक स्लाट मिल रहे हैं, जिससे वह चारों धाम नहीं जा पा रहे। परंपरा के अनुसार उत्तराखंड के चारधाम में दर्शनों का क्रम यमुनोत्री स शुरू होता है। इसके बाद श्रद्धालु गंगोत्री, फिर केदारनाथ और आखिर मे बदरीनाथ धाम के दर्शन करते हैं।

स्लाट बुक करने की व्यवस्था लागू

यह क्रम इसलिए भी व्यावहारिक एवं सुलभ है कि गंगोत्री-यमुनोत्री और बदरीनाथ-केदारनाथ के रूट ऋषिकेश से अलग-अलग हैं। इस वर्ष शुरुआत में सिर्फ पंजीकरण कर धामों में जाने की व्यवस्था थी, मगर यात्रा के कुछ दिन बाद ही सरकार ने धामों में दर्शनों के लिए स्लाट बुक करने की व्यवस्था लागू कर दी। इससे यात्रा के लिए पंजीकरण करा चुके और आगामी दिनों में यात्रा की योजना बना रहे श्रद्धालुओं के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है।

दरअसल स्लाट की व्यवस्था लागू होने के साथ ही धामों में एकाएक स्लाट बुक हो गए। स्लाट की संख्या धामों में अलग-अलग होने के कारण श्रद्धालुओं को यात्रा रूट के हिसाब से स्लाट नहीं मिल पा रहे। खासकर चारों धाम दर्शनों के लिए पहुंच रहे श्रद्धालुओं को इससे सर्वाधिक असुविधा हो रही है।

स्थिति यह है कि चारधाम के लिए जो श्रद्धालु स्लाट बुक करा रहे हैं, उन्हें पहले गंगोत्री, इसके बाद बदरीनाथ, फिर केदारनाथ और आखिर में यमुनोत्री दर्शनों का स्लाट मिल रहा है। अब व्यावहारिक दिक्कत यह है कि श्रद्धालु गंगोत्री के बाद बदरीनाथ और केदारनाथ के बाद यमुनोत्री दर्शनों को नहीं जा सकता। यही नहीं, दो धाम जाने वालेश्रद्धालुओं को भी लगातार दो दिन के अंतराल के स्लाट आसपास के धामों में नहीं मिल पा रहे। बल्कि, दोनों धाम के स्लाट के बीच पांच से दस दिन तक का अंतराल आ रहा है, जिसे किसी भी स्थिति में व्यावहारिक नहीं माना जा सकता।

दस दिन के बजाय 12 से 16 दिन की हो गई

यात्रा चारों धाम की यात्रा अवधि दस दिन का है। हालांकि, अब सड़कें बेहतर होने के कारण यह समय और भी कम हो गया है। लेकिन, शासन की ओर से कांट्रेक्ट कैरेज के रूप में संचालित होने वाले वाहनों के लिए यह अवधि दस दिन की ही तय की गई है। ऐसे में स्लाट व्यवस्था के कारण धामों का क्रम बदलने और लगातार स्लाट न होने से कई बसों को अब 12 से 14 दिन में लौटना पड़ रहा है।

खरगौन (मध्य प्रदेश) से चारधाम यात्रा के लिए पहुंचे 42 यात्रियों को इस बार चारधाम यात्रा 12 दिन में पूरी करनी पड़ेगी। दल के मुखिया गजानन ने बताया कि उन्हें 18 मई को केदारनाथ, 21 मई को बदरीनाथ, 17 मई को गंगोत्री और 26 मई को यमुनोत्री का स्लाट मिला है। इससे उनकी यात्रा दो दिन बढ़ गई है।

औरंगाबाद (महाराष्ट्र) से आए श्रद्धालुओं के 150 सदस्यीय दल के मुखिया गिरी तानाजी ने बताया कि उन्हें 21 मई को बदरीनाथ, इसके बाद गंगोत्री फिर बदरीनाथ और आखिर में यमुनोत्री का स्लाट मिला है। इससे उन्हें दो-दो बार अलग-अलग रूट पर यात्रा करनी पड़ेगी और यह यात्रा 16 दिन में पूरी होगी।

वहीं, खांडवा (मध्य प्रदेश) से 120 यात्रियों के दल को 18 मई को केदारनाथ, 19 मई को यमुनोत्री, 22 को गंगोत्री और 23 मई को बदरीनाथ में दर्शनों का स्लाट मिला है। दल के मुखिया जितेंद्र परिहार बताते हैं कि जो स्लाट उन्हें मिला है, उसमें यात्रा कतई संभव नहीं है। हनुमानगढ़ (राजस्थान) निवासी सत्यनारायण ने बताया कि वह 69 यात्रियों के दल के साथ यहां पहुंचे हैं। लेकिन, जो स्लाट मिला है, उसके हिसाब से उन्हें 18 मई को यमुनोत्री, 21 को बदरीनाथ, 22 को गंगोत्री और 31 मई को केदारनाथ पहुंचना होगा।

'स्लाट व्यवस्था के कारण यात्रियों को व्यावहारिक दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। इस संबंध में संबंधित जिलों के डीएम को अवगत कराया गया है कि वह स्लाट खाली होने की स्थिति में इस तरह के यात्रियों को प्राथमिकता दें। इसके अलावा समस्या के समाधान के लिए पर्यटन विभाग को अवगत कराया जा रहा है। शीघ्र इसमें सुधार किया जाएगा।'

- नरेंद्र सिंह क्वीरियाल, अपर आयुक्त, गढ़वाल मंडल

'चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण में जो भी कमियां रह गई हैं, उन्हें दूर किया जाएगा। ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि धामों की वहन क्षमता के दृष्टिगत बुकिंग पूरी होने पर बाकी को प्रतीक्षा सूची में रखा जाए। जो भी आगे स्लाट मिले, उसी के अनुरूप पंजीकरण हो। यह भी देखा जाएगा कि चारों धाम जाने वालों के लिए कुछ अलग व्यवस्था हो। मेरा यात्रियों से यह भी आग्रह है कि वे उच्च हिमालयी क्षेत्र की परिस्थितियों को देखते हुए यात्रा से पहले स्वास्थ्य जांच अवश्य कराएं।'

- सतपाल महाराज, पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री

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