छात्रसंघ चुनाव का महासंग्राम: एबीवीपी और बागी गुट में खूनी संघर्ष; अध्यक्ष समेत कई घायल
डीएवी पीजी कॉलेज में एबीवीपी और बागी गुट के बीच खूनी संघर्ष हो गया जिसमें अध्यक्ष समेत कई छात्र नेता गंभीर घायल हुए हैं।
देहरादून, जेएनएन। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और बागी गुट के बीच छिड़ी वर्चस्व की जंग अब खूनी संघर्ष में तबदील होती जा रही है। शुक्रवार को डीएवी कॉलेज गेट के सामने दोनों गुटों के बीच जमकर लातघूसे व लाठीडंडे चले जिससे अभाविप से अध्यक्ष पद के दावेदार और बागी गुट से दो पूर्व अध्यक्ष गंभीर रूप से घायल हो गए। लहुलुहान हालत में पुलिस ने तीनों घायल छात्र नेताओं को अस्पताल में भर्ती किया। खूनी झड़प के बाद कॉलेज में तनाव बना हुआ है। कॉलेज में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। एसपी सिटी श्वेता चौबे सुरक्षा का जिम्मा संभाले हैं। खूनी संघर्ष के बाद भी कॉलेज में दिनभर झड़पें होती रही।
खूनी संघर्ष की शुरूआत सुबह उस समय हुई जब सुबह करीब साढ़े 11 बजे अभाविप के बागी गुट के छात्र कॉलेज में शक्ति प्रदर्शन की तैयारियों में जुटे हुए थे। छात्र नेता पूर्व डीएवी अध्यक्ष शुभम सिमल्टी, राहुल कुमार लारा व वर्तमान अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिष्ट बाहर से आने वाले समर्थक छात्र-छात्राओं को वालीबॉल ग्राउंड में एकत्र कर रहे थे। इसी बीच कॉलेज गेट से बाहर अभाविप और भाजयुमो के कई कार्यकर्ता भी मौजूद थे। इस दौरान भाजयुमो के कुछ कार्यकर्ताओं की राहुल लारा से बहस होने लगी।
चंद समय में ही वहां दोनों गुटों के समर्थक जुट गए और गाली गलौच होनी लगी। इस दौरान दोनों गुटों में जमकर लातघूसे चलने लगे। जिससे देखते ही देखते पूरे परिसर में हंगामा और भगदड़ मच गई। दोनों ओर से कार्यकर्ता लाठी और डंडों से एक-दसरे पर वार कर रहे थे, पुलिस पहले तो बीच बचाव कर रही थी, लेकिन मामाला बेकाबू होते देख पुलिस ने लाठी भांजनी शुरू कर दी। पुलिस ने दोनों गुटों के छात्रों में जमकर लाठी बरसाई। इस इस दौरान अभाविप से अध्यक्ष पर के दावेदार सागर तोमर व विरोधी गुट से शुभम सिमल्टी व राहुल लारा के सिर फट गए और खून बहने लगा। कॉलेज के मुख्य गेट पर खून बिखरा होने से छात्राएं चिल्लाने लगी।
पुलिस ने मारपीट में शामिल छात्रों को दौड़ा दौड़ाकर पीटा और परिसर से खदेड़कर बाहर किया। करीब 20 मिनट बाद पुलिस की मदद से छात्रों ने तीनों गंभीर घायलों को अस्पताल पहुंचाया। जहां सागर तोमर और राहुल कुमार की हालत गंभीर बनी हुई है।
बागी गुट ने रैली की रद, छात्राएं हुई भावुक
अखिल भारतीय छात्र संगठन में विद्रोह कर बागी हुए गुट ने खूनी संघर्ष होने और उनके संगठन के दो शीर्ष नेता पूर्व अध्यक्ष शुभम सिमल्टी और राहुल लारा के घायल होने से डीएवी में शक्ति प्रदर्शन को रद कर दिया। जबकि अभाविप से अलग हुए गुट में रैली को लेकर भारी संख्या में छात्र-छात्राएं कॉलेज वालीबॉल ग्राउंड में जुटे हुए थे। समर्थक सिर में भगवा पट्टा बांधकर हाथों में निखिल शर्मा के पोस्टर लेकर तैयार थे। लेकिन शक्ति प्रदर्शन से अभाविप व भाजयुमो के समर्थकों के साथ हुई झड़प के बाद रैली रद करने का निर्णय लिया। गुस्साए छात्र-छात्राओं ने अपने नेता राहुल रावत व आशीष रावत के नेतृत्व में अभाविप के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कई छात्राएं रैली रद होने से इतनी भावुक हो गई कि वे आशुओं को नहीं रोक पाई मौके पर दूसरी छात्राओं ने उन्हें समझाया और समझा-बुझाकर चुप करवाया।
खूनी संघर्ष व हुड़दंग में पांच मुकदमे दर्ज
लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों को लेकर एसएसपी अरुण मोहन जोशी की ओर से दी गई चेतावनी को नजरअंदाज करना डीएवी के छात्र संगठनों पर भारी पड़ गया। शुक्रवार को कॉलेज कैंपस में हुए खूनी संघर्ष में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और परिषद से बागी हुए निखिल शर्मा गुट पर क्रॉस एफआइआर दर्ज की गई है।
वहीं बिना अनुमति रैली निकालने पर एनएसयूआइ व सत्यम गुट पर भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इसके साथ कॉलेज कैंपस में एक कार से शराब मिलने के मामले में भी मुकदमा दर्ज किया गया है। सभी मुकदमे डालनवाला कोतवाली के करनपुर चौकी में दर्ज हुए हैं।
बता दें कि डीएवी छात्रसंघ का चुनाव का इतिहास खूनी संघर्ष और बवाल के नाम रहा है। पूर्व के चुनाव को देखते हुए एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने छात्र संगठनों को चेतावनी दी थी कि लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की अनदेखी करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इसके बाद भी छात्र संगठनों के रुख में रत्ती भर भी बदलाव नहीं आया। नतीजा यह हुआ कि एनएसयूआइ ने डूंगा हाउस से डीएवी तक रैली निकाली तो सत्यम गु्रप ने आनंद भवन से डीएवी तक रैली निकाली। इन दोनों ही रैलियों को प्रशासन व पुलिस की ओर से अनुमति नहीं दी गई थी।
मामले में दोनों संगठनों के खिलाफ पुलिस की तहरीर पर अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है। वहीं कॉलेज कैंपस में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व परिषद से बागी हुए निखिल शर्मा ग्रुप के बीच हुए खूनी संघर्ष में दोनों पक्षों से मिली तहरीर के आधार पर क्रॉस एफआइआर दर्ज की गई है। वहीं कॉलेज कैंपस में चेकिंग के दौरान एक कार से शराब मिलने के मामले में कैलाश कंडारी पर आबकारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
सीएम ने भी एसएसपी से लिया फीडबैक
छात्रसंघ चुनाव से ऐन पहले डीएवी पीजी कॉलेज में हुए बवाल को देखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एसएसपी अरुण मोहन जोशी से फीडबैक लिया। एसएसपी ने बताया कि उन्हें चुनाव से जुड़े हर पहलू से अवगत कराया गया। उन्होंने कहा कि नियम-कानून सभी के लिए बराबर हैं। नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्देश हैं।
कॉलेज में अभाविप और बागी गुट ने दिया धरना
एक-दूसरे पर मारपीट का आरोप लगाते हुए दोपहर करीब ढ़ाई बजे कॉलेज परिसर में अभाविप और बागी गुट के समर्थक अलग-अलग धरने पर बैठे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से पूर्व डीएवी अध्यक्ष पारस जगूड़ी, आलोक शर्मा, आशीष बहुगुणा, मोनिका कौशिक, मृदुला कौशिक आदि ने धरने दिया आरोप लगाया कि बागी गुट ने अभाविप के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार सागर तोमर पर जानलेवा हमला किया जिससे उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। उन्होंने पुलिस से मांग की कि आरोपी छात्रों को गिरफ्तार किया जाए।
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उधर, बागी गुट में छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद के उम्मीदवार निखिल शर्मा, मोहित शर्मा, अरविंद चौहान, राहुल रावत आदि ने धरने दिया। कहा कि अभाविप और युवा मोर्चा सरकार कर सह पर उनके साथ मारपीट कर रहा है। आरोप जड़ा कि कई नेताओं ने मिलकर शुभम सिमल्टी व राहुल लारा पर जानलेवा हमला किया। देर शाम तक दोनों गुटों के समर्थक धरने पर डटे थे। किसी प्रकार का संघर्ष न हो इसलिए भारी पुलिस बल मौके पर तैनात रहा।
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