बाल आयोग में अब त्वरित होगा शिकायतों का निस्तारण
बच्चों के मामलों को लेकर अब उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग में शिकायतों का निस्तारण शीघ्र होगा।
जागरण संवाददाता, देहरादून: बच्चों के मामलों को लेकर अब उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग में शिकायतों का निस्तारण शीघ्र होगा। आयोग में सात महीने से अध्यक्ष और 18 महीने से सदस्यों की नियुक्ति न होने से बड़े मामलों में सुनवाई नहीं हो रही थी। साथ ही बच्चों के लिए चलाए जा रहे अभियान भी ठप थे। बीते आठ जनवरी को चौथे अध्यक्ष के रूप में डा. गीता खन्ना और अन्य छह सदस्यों की नियुक्ति होने के बाद अब लंबित प्रकरणों का निस्तारण करने में समय नहीं लगेगा।
जून 2020 से कार्यकाल समाप्त होने के बाद सदस्यों की नियुक्ति नहीं हुई थी। वहीं, 21 मई 2021 को अध्यक्ष पद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से रिक्त चल रहा था। इस बीच बच्चों को जागरूक करने, बस्तियों में जाकर नशे के विरुद्ध अभियान, शिक्षा को लेकर जागरूक करने आदि अभियान ठप रहे। शिकायतों की बात की जाए तो बीते मई से अब तक आयोग के पास करीब 60 शिकायत आई हैं, इनमें सर्वाधिक 33 शिकायत आरटीई के तहत दाखिला से संबंधित हैं। इसके अलावा नौ मामले कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के संरक्षण, आठ बच्चों से नशा कराने, जबकि अन्य मामले पोक्सो और बालश्रम के हैं। आयोग में सचिव और अनु सचिव के स्तर से 35 शिकायत का निस्तारण किया जा चुका है। जबकि तकरीबन 25 मामले लंबित हैं। आयोग के अध्यक्ष का कार्यकाल
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन 10 मई 2011 को हुआ था। प्रथम अध्यक्ष अजय सेतिया दिसंबर 2011 को नियुक्त हुए। अपना तीन वर्ष का कार्यकाल उन्होंने दिसंबर 2014 को पूर्ण किया। तकरीबन पाच महीने बाद जून 2015 को योगेंद्र खंडूड़ी ने अध्यक्ष का पदभार संभाला और जून 2018 तक रहे। जून से ऊषा नेगी का तीन वर्ष का कार्यकाल 21 मई 2021 को समाप्त हो गया था। आठ जनवरी को डा. गीता खन्ना ने पदभार ग्रहण किया। बाल अधिकारों के प्रति सुदृढ़ रहने पर जोर
देहरादून: उत्तराख्ाड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की नवनियुक्त अध्यक्ष डा. गीता खन्ना ने सदस्यों के साथ शिष्टाचार भेंट की। सभी ने बाल अधिकारों के प्रति सुदृढ़ रहने पर जोर दिया। आयोग की पहली बोर्ड बैठक 28 जनवरी को होगी।
मंगलवार को नंदा की चौकी स्थित आयोग कार्यालय में आयोजित बैठक में कुछ सदस्य पहुंचे, जबकि कई वर्चुअल माध्यम से जुड़े। अध्यक्ष डा. गीता खन्ना ने कहा कि बाल हितों के प्रति सभी सदस्य मिलकर कार्य करेंगे। इस दौरान राज्यपाल, मुख्यमंत्री और संबंधित विभागीय अधिकारियों से संपर्क और शिष्टाचार भेंट करने की रूपरेखा तैयार की गई। इस मौके पर आयोग के सचिव आयोग कुमार पांडेय, सदस्य दीपक गुलाटी, रेखा रौतेला, सुमन राय, विनोद कपरवाण, धरम सिंह, अजय वर्मा आदि शामिल रहे।