अडानी-सीएम वीडियो वायरल मामले में कांग्रेस नेताओं के खिलाफ तहरीर
अडानी और सीएम का वीडियो वायरल होने के मामले में अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी गई है।
देहरादून, [जेएनएन]: दिग्गज उद्योगपति गौतम अडानी और उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच इन्वेस्टर्स समिट से चंद रोज पहले देहरादून में हुई बातचीत का वीडियो वायरल होने के मामले में अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी गई है। दोनों वरिष्ठ नेताओं पर सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड करने और शेयर करने का आरोप है। तहरीर में उन लोगों के खिलाफ भी अभियोग पंजीकृत करने की बात लिखी गई है, जिन्होंने वीडियो को लाइक और उस पर कमेंट किया है।
बता दें कि इन्वेस्टर्स समिट से पूर्व गौतम अडानी देहरादून आए थे। उन्होंने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात भी की थी। दोनों के बीच हुई इसी मुलाकात का वीडियो इन्वेस्टर्स समिट के चंद रोज बाद वायरल हुआ था। हालांकि इस मामले में सूचना विभाग की ओर से वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर प्रसारित करने का आरोप लगाते हुए कैंट कोतवाली में एक समाचार पोर्टल के खिलाफ तहरीर दी गई है। जिसके बाद वायरल वीडियो और मूल वीडियो को जांच के लिए सीएफएसएल चंडीगढ़ भेज दिया गया।
अभी तक इसकी रिपोर्ट नहीं आई है और इस बीच अमित मिश्रा निवासी एमडीडीए कॉलोनी, डालनवाला की ओर से एसएसपी और कैंट कोतवाली को एक और तहरीर दी गई। इस तहरीर में हरीश रावत और किशोर उपाध्याय पर सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करने का आरोप लगाया गया है।
कहा गया है कि किशोर उपाध्याय की पोस्ट को 50 लोगों ने शेयर किया और 134 ने लाइक व 14 लोगों ने कमेंट किया। वहीं, हरीश रावत की पोस्ट को 190 लोगों ने शेयर किया, जबकि 244 ने कमेंट और एक हजार लोगों ने लाइक किया। तहरीर में उन समाचार पोर्टल पर भी कार्रवाई की मांग की गई है, जिन्होंने इसे प्रसारित किया।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस किशोर उपाध्याय का कहना है कि सोशल मीडिया पब्लिक प्लेटफार्म है। इस तमाम चीजें आती हैं, जिसमें कई को आगे बढ़ा दिया जाता है। यदि किसी को इस पर आपत्ति है तो उसका स्वागत है। भाजपा यदि अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से कांग्रेस नेताओं की घेराबंदी करना चाहती है तो वह भी कर के देख ले, हमें कोई आपत्ति नहीं है।
एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने कहा कि अमित मिश्र नाम के व्यक्ति की ओर से प्रार्थना पत्र मिला है। जिसकी जांच की जा रही है। अभी वीडियो की एफएसएल से रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट आने के बाद विधिक कार्रवाई का आधार देखा जाएगा।
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