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मंडलायुक्त ने खोली सरकारी भूमि नाम करने की फाइल, पढ़िए पूरी खबर

हरिद्वार में 1.87 हेक्टेयर सरकारी भूमि को लोगों के नाम पर चढ़ाने के मामले में मंडलायुक्त बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने कार्रवाई शुरू कर दी है।

By Edited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 03:01 AM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 02:19 PM (IST)
मंडलायुक्त ने खोली सरकारी भूमि नाम करने की फाइल, पढ़िए पूरी खबर
मंडलायुक्त ने खोली सरकारी भूमि नाम करने की फाइल, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। हरिद्वार में 1.87 हेक्टेयर सरकारी भूमि को लोगों के नाम पर चढ़ाने के मामले में मंडलायुक्त बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने कार्रवाई शुरू कर दी है। यह कार्रवाई सूचना आयोग के आदेश जारी करने के करीब नौ माह बाद की जा रही है, जिसमें आयोग ने तत्कालीन उपजिलाधिकारी के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के लिए आदेश की प्रति मुख्य सचिव समेत उत्तराखंड राजस्व परिषद व मंडलायुक्त को भेजी थी। मंडलायुक्त ने इस मामले में हरिद्वार के जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब की है। वहीं, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने भी राजस्व विभाग से अपने स्तर पर कार्रवाई करने को कहा है।

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सूचना आयोग के आदेश के मुताबिक हरिद्वार के ज्वालापुर क्षेत्र में उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश अधिनियम की धारा 229बी के तहत यह भूमि कई लोगों के नाम चढ़ा दी गई। आयोग ने पाया कि प्रकरण में सरकार का भी पक्ष नहीं लिया गया और बिना साक्ष्यों के ही भूमि को लोगों के नाम पर चढ़ा दिया गया।

यह आदेश तत्कालीन उपजिलाधिकारी प्रत्यूष सिंह ने जारी किया था, जो वर्तमान में उपजिलाधिकारी सदर के पद पर तैनात हैं। आयोग ने कई दफा उन्हें अपना पक्ष रखने को कहा था, मगर वह कभी आयोग के समक्ष पेश ही नहीं हुए। इसे गंभीर अनियमितता मानते हुए सूचना आयोग ने न सिर्फ तत्कालीन उपजिलाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था, बल्कि इस मामले को नजीर मानते हुए हरिद्वार समेत देहरादून, ऊधमसिंहनगर व नैनीताल में इस तरह के मामलों का परीक्षण कराने का सुझाव दिया गया। ताकि स्पष्ट हो सके कि कहीं धारा 229-बी में सरकारी भूमि की डिक्री व्यक्ति विशेष के पक्ष में तो नहीं की गई। ताकि नियमों का उल्लंघन करने वाले उपजिलाधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई अमल में लाई जा सके।

बोले अधिकारी

बीवीआरसी पुरुषोत्तम (मंडलायुक्त गढ़वाल) का कहना है कि सूचना आयोग के आदेश की जानकारी मिली है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए इसे हरिद्वार के जिलाधिकारी को भेजा गया है। उनकी रिपोर्ट मिलते ही आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। उपजिलाधिकारियों के आदेशों का होगा परीक्षण मंडलायुक्त पुरुषोत्तम ने कहा कि शिकायत मिलने पर इस तरह के मामलों में उपजिलाधिकारियों के आदेशों का परीक्षण किया जाएगा। यदि कहीं पर भी नियमों की अनदेखी पाई गई तो ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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