Forest guard recruitment exam: फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा को रद नहीं करेगा आयोग, जानिए वजह
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का कहना है कि फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा रद करने से किसी भी अभ्यर्थी का भला नहीं होने वाला है।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का कहना है कि फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा रद करने से किसी भी अभ्यर्थी का भला नहीं होने वाला है। परीक्षा रद कर दी जाती है, तो कोई आयोग के इस निर्णय को न्यायालय में चुनौती दे सकता है। ऐसे में परीक्षा और अभ्यर्थियों का चयन एक लंबी विधिक प्रक्रिया में फंस सकता है।
आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने रविवार को बयान जारी कर स्पष्ट किया कि आयोग कार्यालय में छात्र संगठनों के साथ कई बेरोजगार भर्ती परीक्षा को रद करने की मांग को लेकर पहुंच रहे हैं तो कुछ परीक्षा रद न करने का आग्रह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बेरोजगार संगठनों का तर्क है कि पेपर लीक होने की पुष्टि हो गई है अत: तत्काल परीक्षा निरस्त कर दी जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि देश के सर्वोच्च न्यायालय की ओर से भर्ती परीक्षाओं को निरस्त करने के संबंध में यह सिद्धांत प्रतिपादित किया गया है कि भर्ती निरस्त करने का निर्णय युक्ति संगत होना चाहिए और गड़बड़ी के परिणाम के आधार पर किया जाना चाहिए।
रविवार तक आयोग को परीक्षा में हुई गड़बड़ियों की आख्या प्राप्त नहीं हुई है। ऐसे में संबंधित जांच एजेंसियों से आयोग को जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर ही आयोग इस संबंध में कोई निर्णय ले सकेगा। बेरोजगार संगठनों ने अपने ज्ञापन में जो पेपर लीक होने की बात की है, इस बारे में कोई रिपोर्ट आयोग कार्यालय में प्राप्त नहीं हुई है। अत: अभी परीक्षा के संबंध में कोई भी फैसला अपरिपक्व निर्णय होगा। संतोष बडोनी ने अभ्यर्थियों को सलाह दी कि वह आयोग के निर्णय की प्रतीक्षा करें। उन्होंने धरना, प्रदर्शन, आंदोलन को औचित्यहीन माना है।
अन्ना हजारे संगठन ने किया बेरोजगारों का समर्थन
गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान और अन्ना हजारे संगठन ने रविवार को संयुक्त रूप से बेरोजगार युवाओं के धरने को समर्थन दिया। उन्होंने एक दिन का उपवास भी रखा। दोनों संगठनों ने दून के अन्य संगठनों से भी बेरोजगार युवाओं के पक्ष में उतरने की अपील की।
धरना स्थल पर बेरोजगारों को संबोधित करते हुए गैरसैंण राजधानी अभियान के रणनीतिकार मनोज ध्यानी ने कहा कि बेरोजगार युवाओं की मांग दलाली, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद के खिलाफ है। हम दोनों संगठन बेरोजगारों की मांग के समर्थन में उपवास रखे जाने की घोषणा करते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के बेरोजगारों के हित में फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में हुए घपले की गहन जांच की जाए। हम सरकार को चेताना चाहते हैं कि वह बेरोजगारों को अकेला समझने की भूल न करे। उन पर दबाव न बनाया जाए। हम अपने युवाओं को निराश नहीं होने देंगे।
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उत्तराखंड बेरोजगार महासंघ के प्रदेश संरक्षक कमलेश भट्ट और उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने भी बेरोजगारों को संबोधित किया। कहा कि पुलिस और सरकार के दबाव में आकर बेरोजगार किसी भी कीमत पर अपना आंदोलन बंद करने वाले नहीं है। धांधलियों को लेकर सरकार को झुकना ही होगा। इस मौके पर राजपाल राणा, महेंद्र नेगी, अक्षय जोशी, नरेंद्र राणा,अरविंद वर्मा, सबल चौहान, निरंजन चौहान, मातबर नेगी, रोबिन चौहान, कुलदीप राणा, शुभम सैनी, सुरेश सिंह आदि मौजूद रहे।