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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बोले, समाज की मार्गदर्शक के साथ ही प्रेरणा का स्त्रोत है महिला

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि महिला शक्ति राष्ट्र शक्ति है। अनादिकाल से महिलाओं की शक्ति के रूप में पूजा व अर्चना की जाती रही है महिला समाज की मार्गदर्शक के साथ ही प्रेरणा का स्त्रोत भी है।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 07 Mar 2021 04:31 PM (IST)Updated: Sun, 07 Mar 2021 05:56 PM (IST)
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बोले, समाज की मार्गदर्शक के साथ ही प्रेरणा का स्त्रोत है महिला
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि महिला शक्ति राष्ट्र शक्ति है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि महिला शक्ति राष्ट्र शक्ति है। अनादिकाल से महिलाओं की शक्ति के रूप में पूजा व अर्चना की जाती रही है, महिला समाज की मार्गदर्शक के साथ ही प्रेरणा का स्त्रोत भी है। कहा कि आठ मार्च को दुनिया की आधी आबादी के नाम समर्पित है। यह दिन समाज के उस बडे हिस्से के लिए महत्वपूर्ण है जिसके बिना संसार की कल्पना अधूरी रह जाती है। उन्होंने कहा कि हमें महिलाओं के बेहतर भविष्य के लिए उनका वर्तमान संवारना होगा, इसलिए बेटियों की सुरक्षा, शिक्षा, सशक्तिकरण के लिए हमें अभी से कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि उत्‍तराखंड तीलू रौतेली, रामी बौराणी, गौरा देवी का प्रदेश है।

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कहा कि हाल ही में सरकार ने महिलाओं को पति की पैतृक संपत्ति में सहखातेदार का अधिकार दिया है। इससे महिलाओं को स्वरोजगार के लिए बैंक से लोन मिल सकेगा और वे स्वावलंबी बन सकेंगी। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए हमें महिलाओं को समान अधिकार और समान अवसर देने होंगे। राज्‍य सरकार महिलाओं को आर्थिक, मानसिक के साथ ही शारीरिक दृष्टि से भी सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है। उनके सम्मान में कोई कसर बाकी नहीं रखी जायेगी। बहनों को सशक्त करने के लिये हम महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रुपये तक का ऋण बिना ब्याज के दे रहे हैं।

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 इसके अलावा महिलाओं के कल्याण हेतु मुख्यमंत्री घस्यारी योजना लाई जा रही है। जिसमें महिलाओं को अब जंगल से सिर पर गठरी लाने से छुटकारा मिल जायेगा। उन्होंने कहा कि इस योजना से महिलाओं के आर्थिक व सामजिक स्तर में सुधार आएगा। घस्यारी योजना न सिर्फ मातृशक्ति के सिर से घास का बोझ हटाने में कामयाब होगी बल्कि इससे जंगल जाते वक्त महिलाओं के साथ होने वाली दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। 

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