Uttarakhand Campa: कैंपा के तहत अगले तीन माह में 40 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की योजना
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि उत्तराखंड में आगामी तीन माह में कैम्पा के तहत 40 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की कार्ययोजना है।
देहरादून, जेएनएन। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि उत्तराखंड में आगामी तीन माह में कैम्पा के तहत 40 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की कार्ययोजना है। सीएम ने सरकार के साढ़े तीन साल के कार्यकाल पूरा होने पर ये बात कही। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2017 से सितंबर 2020 तक विभिन्न विभागों के अंतर्गत कुल सात लाख 12 हजार से अधिक लोगों को रोजगार दिया है। इनमें से नियमित रोजगार लगभग 16 हजार, आउटसोर्स और अनुबंधात्मक रोजगार लगभग एक लाख 15 हजार और स्वयं उद्यमिता के साथ ही प्राइवेट निवेश से प्रदान और निर्माणाधीन परियोजनाओं से करीब 5 लाख 80 हजार लोगों को रोजगार मिला है।
राज्य सरकार के साढ़े तीन वर्ष के कार्यकाल पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वर्चुअल प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा की गई भर्तियों की बात की जाए तो इसके जरिए साल 2014 से 2017 तक कुल आठ परीक्षाएं आयेाजित की गईं, जिनमें 801 पदों पर चयन प्रक्रिया पूरी की गई। वहीं, साल 2017 से 2020 तक कुल 59 परीक्षाएं आयोजित की गईं, जिनमें 6000 पदों पर चयन पूरा किया गया। वर्तमान में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में 7200 पदों पर अधियाचन और भर्ती प्रक्रिया जारी है।
मनरेगा में प्रति वर्ष छह लाख लोगों को रोजगार दिया जाता है। कोविड के दौरान इसमें अतिरिक्त रोजगार दिया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में 84 हजार अतिरिक्त परिवारों (2 लाख अतिरिक्त श्रमिकों) को रोजगार दिया गया है, जबकि 170 करोड़ रुपए अतिरिक्त व्यय किए गए हैं। युवाओं और प्रदेश में लौटे प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई। एमएसएमई के तहत इसमें ऋण और अनुदान की व्यवस्था की गई है। इसमें लगभग 150 प्रकार के काम शामिल किए गए हैं।
रिवर्स पलायन पर सुनियोजित प्रयास
पर्वतीय राज्य की अवधारणा से बने उत्तराखण्ड में पहली बार किसी सरकार ने रिवर्स पलायन पर सुनियोजित तरीके से काम शुरू किया है। एमएसएमई के केंद्र में पर्वतीय क्षेत्रों को रखा गया है। सभी न्याय पंचायतों में क्लस्टर आधारित एप्रोच पर ग्रोथ सेंटर बनाए जा रहे हैं। 100 से अधिक ग्रोथ सेंटरों को मंजूरी भी दी जा चुकी है। बहुत से ग्रोथ सेंटर शुरू भी हो चुके हैं। हर गांव में बिजली पहुंचाई गई है। किसानों को तीन लाख रुपए और महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश के गन्ना किसानों को अवशेष गन्ना मूल्य का शत-प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित किया गया है।