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उत्तराखंड में सभी के सहयोग से लड़ी जा रही कोविड-19 से लड़ाई : सीएम

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में सभी के सहयोग से कोविड-19 से लड़ाई लड़ी जा रही है। परिस्थितियों के अनुसार निर्णय ले रहे हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 02:18 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 02:18 PM (IST)
उत्तराखंड में सभी के सहयोग से लड़ी जा रही कोविड-19 से लड़ाई : सीएम
उत्तराखंड में सभी के सहयोग से लड़ी जा रही कोविड-19 से लड़ाई : सीएम

देहरादून, जेएनएन। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में सभी के सहयोग से कोविड-19 से लड़ाई लड़ी जा रही है। परिस्थितियों के अनुसार निर्णय ले रहे हैं। सर्विलांस, सेम्पलिंग, टेस्टिंग पर फोकस किया जा रहा है। 

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सीएम ने कहा कि राज्य में हेल्थ सिस्टम को मजबूत किया गया है। पर्याप्त संख्या में कोविड अस्पताल, आइसोलेशन बेड, आईसीयू बेड, आक्सीजन सपोर्ट बेड और वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। अब राज्य के सभी जनपदों में आइसीयू स्थापित किए जा चुके हैं। मार्च में राज्य में कोरोना संक्रमण की टेस्टिंग सुविधा नहीं थी। वर्तमान में 5 सरकारी और विभिन्न प्राईवेट लेब में कोविड-19 के सैंपल की जांच की जा रही है। वर्तमान में 481 आईसीयू बेड, 543 वेंटिलेटर, 1846 आक्सीजन सपोर्ट बेड, 30,500 आईसोलेशन बेड उपलब्ध हैं। 

रुद्रपुर, हरिद्वार और पिथौरागढ़ में भी मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं। पिछले लगभग तीन साल में पर्वतीय क्षेत्रों में डाक्टरों की संख्या में पहले से लगभग ढाई गुना वृद्धि की गई है। टेलीमेडिसीन और टेलीरेडियोलोजी भी लाभदायक साबित हो रही हैं।

लोक कल्याणकारी सरकार

आंगनबाड़ी कार्यकत्री, आंगनबाड़ी सहायिका, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है। वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांगजन पेंशन की राशि को 1000 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 1200 रुपये प्रतिमाह किया गया। ग्राम प्रहरियों का मानदेय रुपये 2000 हजार प्रतिमाह किया गया। दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत किया गया। उत्तराखंड पहला राज्य है, जहां अनाथ बच्चों की चिंता करते हुए उनके लिए सरकारी सेवाओं में आरक्षण की व्यवस्था की गई है। 

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दुर्घटना राहत राशि में की बढ़ोतरी

दुर्घटना राहत राशि को मृत्यु पर 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख, गंभी घायल होने पर 20 हजार से बढ़ाकर 40 हजार और साधारण घायल होने पर 5 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी दी जा रही है। विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में कई गुना बढ़ोतरी की है। 

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