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सैन्य सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हुए दोनों शहीद

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकी घुसपैठ को नाकाम करने के दौरान शहीद हुए दोनों जवानों को उनके पैतृक घाट पर सैन्‍य सम्‍मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 01:37 PM (IST)Updated: Tue, 07 Apr 2020 09:40 PM (IST)
सैन्य सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हुए दोनों शहीद
सैन्य सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हुए दोनों शहीद

देहरादून, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकी घुसपैठ को नाकाम करने के दौरान शहीद हुए जवान अमित अणथ्वाल का मंगलवार को ज्वाल्पा धाम के समीप पैतृक घाट पर अंतिम संस्कार हो गया। भारी तादाद में उमड़े जनसमूह ने अमित को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि दी। इससे पूर्व अमित की पार्थिव देह को उनके पैतृक आवास में लाया गया। जहां माता-पिता व बहनों सहित तमाम जनसमूह ने उनके अंतिम दर्शन करने के साथ ही श्रद्धासुमन अर्पित किए। वहीं, जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए शहीद हुए हवलदार देवेन्द्र सिंह राणा को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी गुप्तकाशी पहुंचकर हेलीपैड पर शहीद को भावपूर्ण श्रद्धाजंलि दी। शहीद का पार्थिव शहीर जैसे ही गांव पहुंचा, ग्रामीणों ने शहीद देवेन्द्र अमर रहे, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। जिससे पूरा गांव गुंजायमान हो गया। इस दौरान शारीरिक दूरी का भी ध्यान रखा गया।

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बताते चलें कि रविवार को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में आंतकी घुसपैठ को नाकाम करने के लिए चलाए गए ऑपरेशन के दौरान कल्जीखाल प्रखंड के अंतर्गत ग्राम कोला निवासी अमित कुमार अणथ्वाल (31 वर्ष) पुत्र नागेंद्र प्रसाद शहादत को प्राप्त हुए।

सेना के हेलीकॉप्टर से मंगलवार सुबह अमित की पार्थिव देह को जिला मुख्यालय पौड़ी के रांसी स्टेडियम में लाया गया, जहां से सेना से विशेष वाहन से मंगलवार दोपहर उनकी पार्थिव देह ग्राम कोला स्थित उनके पैतृक आवास में पहुंची। आवास में माता-पिता के साथ ही बहनों, अन्य रिश्तेदारों सहित क्षेत्र के तमाम ग्रामीणों ने शहीद अमित के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। बाद में अमित की पार्थिव देह को ज्वाल्पा धाम के समीप ही गांव के पैतृक घाट में लाया गया। जहां गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंटल सेंटर की टुकड़ी ने शहीद को पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ सलामी दी। साथ ही मेजर जनरल पुष्पेंद्र सिंह ने अमित की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र चढ़ाया।

वैदिक मंत्रोच्चर के बीच पिता नागेंद्र प्रसाद ने अपने जांबाज पुत्र अमित की चिता को मुखाग्नि दी। इस मौके पर राज्य गो सेवा आयोग के उपाध्यक्ष पं. राजेंद्र अणथ्वाल, पौड़ी के नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम, एसडीएम मनीष सिंह, सीओ वंदना वर्मा, कोतवाल लक्ष्मण सिंह कठैत, जिला पंचायत सदस्य गौरव रावत, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य राजाराम अणथ्वाल सहित गांवों से बड़ी तादाद में ग्रामीण पहुंचे थे।

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कुपवाड़ा में आंतकियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए पौड़ी के लाल अमित अणथ्वाल के पार्थिव शरीर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने पुष्प अर्पित कर शीश नवाते हुए श्रद्धांजलि दी। शहीद का पार्थिव शरीर सेना के हेलीकॉप्टर से रांसी स्टेडियम लाया गया था। यहां श्रद्धाजंलि व सलामी के बाद पार्थिव शरीर को सड़क मार्ग से शहीद के गांव ले जाया गया। इससे पहले मुख्यमंत्री और गढ़वाल सांसद ने शहीद के पार्थिव शरीर को कांधा भी दिया। डीएम धीराज सिंह गर्ब्‍याल, एसएसपी दलीप सिंह कुंवर, एएसपी पीके राय सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने शहीद के पार्थिव शरीर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धाजंलि अर्पित की। इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष संपत सिंह रावत, एडीएम डा. एसके बरनवाल, सीओ वंदना वर्मा, एसडीएम मनीष कुमार, सीओ संचार अनूप काला आदि मौजूद थे।

शहीद अमित के नाम पर हो मोटर मार्ग का नामकरण

स्थानीय निवासियों ने कोला सिलड़ी संपर्क मोटर मार्ग का नामकरण शहीद अमित कुमार के नाम पर किए जाने की मांग की है। ग्रामीणों ने यह प्रस्ताव गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत के समक्ष भी रखी। सांसद ने कहा कि स्थानीय निवासियों की मांग सरकार के समक्ष रखी जाएगी। मोटर मार्ग का नामकरण शहीद के नाम पर हो इसके लिए पूरे प्रयास किए जाएंगे। तीन वर्ष पूर्व निर्मित हुए कोला-सिलड़ी मोटर मार्ग का अभी तक डामरीकरण भी नहीं हुआ है।

जिला पंचायत सदस्य गौरव रावत ने बताया कि तीन किमी का यह मोटर मार्ग जर्जर स्थिति में है। रावत ने बताया कि निर्माणदायी संस्था पीडब्ल्यूडी को इस संबंध में कई बार बताया गया। लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। गौरव रावत ने कहा कि मोटर मार्ग की स्थिति इतनी जर्जर है कि मंगलवार को शहीद अमित की पार्थिव देह को ला रहा सेना का वाहन भी यहां नहीं चल पाया। जिस पर शहीद के पार्थिव शरीर को दूसरे ट्रक से गांव भेजा गया। जिला पंचायत सदस्य गौरव रावत सहित ग्रामीणों ने उक्त मोटर मार्ग की मरम्मतीकरण व डामरीकरण करने की मांग की है। साथ ही गौरव रावत व अन्य ग्रामीणों ने इस मोटर मार्ग का नामकरण शहीद के नाम पर किए जाने की मांग की है।  

 शहीद को केदारघाटी ने दी अंतिम विदाई

हवलदार देवेन्द्र पुत्र भोपाल सिंह राणा का पार्थिव शरीर सुबह आठ बजकर 30 मिनट पर सेना के हेलीकॉप्टर से चारधाम हेलीपैड जाखधार पहुंचा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पहले से ही यहां पहुंच चुके थे। मुख्यमंत्री ने शहीद देवेन्द्र के पार्थिव शरीर पर पुष्प चढ़ाते हुए भावभीनी श्रद्धाजंलि दी। सड़क मार्ग से शहीद का पार्थिव शरीर सेना के वाहन से पैतृक गांव तिनसोली में स्वजनों के अंतिम दर्शनों के लिए लाया गया। शहीद का पार्थिव शरीर गांव में पहुंचते ही लोगों का हुजूम शहीद के दर्शनों को उमड़ पड़ा।

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जन समूह ने शहीद देवेन्द्र अमर रहे नारे लगाए। इस दौरान ग्रामीणों ने सामाजिक दूरी का भी पूरा ख्याल रखा। शहीद की पत्नी विनीता समेत पूरे परिवार व गांव वालों ने शहीद के पार्थिव शरीर के दर्शन किए। इस दौरान स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। शहीद देवेन्द्र के पार्थिव शरीर को देखकर सभी ग्रामीणों की आंखें भी नम हो गई। लगभग 11 बजे सड़क मार्ग से शहीद की अंतिम यात्र मंदाकिनी नदी में उनके पैतृक घाट भीरी ले जाई गई। जहां पर सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार हुआ। इस अवसर पर केदारनाथ विधायक मनोज रावत, भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश उनियाल, डीएम मंगेश घिल्डियाल, एसपी नवनीत सिंह, सीएमओ डॉ. एसके झा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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