नौकरशाही की हनक को सीएम ने दिखाया आइना, कहा कि जनप्रतिनिधियों का दर्जा अधिकारियों से ऊपर
प्रदेश में जनप्रतिनिधियों के सम्मान पर नौकरशाही की हनक हावी नहीं हो पाएगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का दर्जा अधिकारियों से ऊपर है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में जनप्रतिनिधियों के सम्मान पर नौकरशाही की हनक हावी नहीं हो पाएगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को इस मामले में सरकार का रुख साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों का दर्जा अधिकारियों से ऊपर है। अधिकारी ऐसी भूल न दोहराएं, इस बारे में उन्हें निर्देश दिए गए हैं।
विधानसभा सत्र के दौरान अक्सर जनप्रतिनिधियों की ओर से ये शिकायत दर्ज कराई जाती है कि विधायकों और सांसदों को नौकरशाहों से उचित सम्मान नहीं मिल रहा है। पीठ की ओर से कई दफा इस संबंध में सरकार को निर्देश दिए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री की ओर से इस बारे में सदन में भी आश्वासन दिया जा चुका है। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से इस संबंध में सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों, मंडलायुक्तों, पुलिस महानिदेशक, जिलाधिकारियों और सभी विभागाध्यक्षों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें सभी सरकारी सेवकों को संसद व विधानसभा सदस्यों के प्रति शिष्टाचार को निभाना अनिवार्य करार दिया गया है।
सरकार की ओर से जारी आदेश में सरकारी सेवकों को जनप्रतिनिधियों की बातों को धैर्यपूर्वक सुनकर गंभीरतापूर्वक विचार करने और फिर गुणदोष व विवेकपूर्ण निर्णय लेने को कहा गया है। सांसद या विधायक की ओर से अधिकारी से मिलने की इच्छा जताने पर आपसी सहमति से मिलने का समय प्राथमिकता के आधार पर नियत करने और बैठक के लिए समय से उपलब्ध रहने को कहा गया है।
सांसद व विधायक से मिलने पर खड़ा होकर उनका स्वागत करने, चलते समय उन्हें खड़े होकर विदा करने, सार्वजनिक समारोहों के प्रत्येक अवसर पर उनके बैठने की व्यवस्था पर विशेष रूप से ध्यान देने, फोन को तत्परता से उठाने को कहा गया है। शासनादेश में विधायकों व सांसदों से मिलने वाले पत्रों पर सावधानी से विचार कर उचित स्तर व शीघ्रता से जवाब देने और उन्हें गोपनीय सूचनाओं को छोड़कर स्थानीय महत्व के मामलों से संबंधित सूचनाएं और आंकड़े सुगमता से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों का हर हाल में सम्मान करना चाहिए। अधिकारी अक्सर ये भूल जाते हैं, लिहाजा उन्हें समय-समय पर याद दिलाना पड़ता है।
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