ठिठुरन बढ़ी तो सुबह देर से खुले शाम को जल्दी बंद हो गए बाजार
चकराता चकराता क्षेत्र में बर्फबारी हुई तो पर्यटकों और स्थानीय निवासियों ने इसका जमकर लुत्फ उठाया लेकिन जैसे-जैसे बर्फ पिघल रही है ठंड के कारण आम जनजीवन प्रभावित हो गया है।
संवाद सूत्र, चकराता: चकराता क्षेत्र में बर्फबारी हुई तो पर्यटकों और स्थानीय निवासियों ने इसका जमकर लुत्फ उठाया, लेकिन अब जब बर्फ पिघलने लगी तो एकाएक ठिठुरन बढ़ गई। आमजन जीवन को प्रभावित करती ठंड के चलते क्षेत्र के बाजार सुबह देर से खुल रहे हैं, वहीं शाम को जल्दी सन्नाटा पसर जा रहा है। लोग अपने घरों में रहकर ठंड से बचाव कर रहे हैं।
कुछ समय पूर्व चकराता और ऊंचाई वाली लोखंडी, बुधेर, मोइला टाप आदि क्षेत्र में भारी मात्रा में बर्फबारी हुई थी। जैसे-जैसे बर्फ पिघल रही है, कड़ाके की ठंड ने हर किसी को बेहाल कर दिया है। बर्फबारी किसानों और बागवानों के लिए तो लाभकारी है, लेकिन ग्रामीणों की दुश्वारियां बढ़ा दी है। क्षेत्र के ऊंचाई पर बसे लोखंडी, लोहारी, खडंबा आदि गांवों में निवास कर रहे लोग इससे बुरी तरह प्रभावित हैं। बर्फबारी से स्त्रोत जमने के कारण गहराई पेयजल समस्या कुछ हद तक दूर हुई। त्यूणी-चकराता राजमार्ग पर भारी बर्फ के चलते बंद आवागमन भी छोटे वाहनों के लिए खुलने लगे हैं, लेकिन संपर्क मार्ग बंद होने से चारापत्ती लाने में ग्रामीणों को दिक्कतें हो रही हैं। बर्फ पिघलने से पूरे क्षेत्र में कड़ाके की ठंड है। घरों में अंगीठियां तापने के बाद भी ठंड से निजात मिलना मुश्किल हो रहा है। बर्फबारी के कारण ठंड बढ़ने का असर बाजार पर पड़ रहा है। क्षेत्रीय निवासी अरविद कुकरेजा, नारायण सिंह राणा, रविद्र चौहान, राजेंद्र चौहान, हरमोहन आनंद आदि बताते हैं कि आजकल चकराता में कड़ाके की ठंड का असर व्यापार पर भी पड़ रहा है।