मीनस में पहाड़ दरकने से दो राज्यों का आवागमन ठप
त्यूणी दो पर्वतीय राज्य उत्तराखंड-हिमाचल को जोड़ने वाले जेपीआरआर हाईवे पर गुरुवार को भी सेवा बहाल नहीं हो पाई।
संवाद सूत्र, त्यूणी: दो पर्वतीय राज्य उत्तराखंड-हिमाचल को जोड़ने वाले जेपीआरआर हाईवे पर गुरुवार को चौथे दिन भी यातायात सेवा बहाल नहीं हो पाई। 16 जनवरी को इसी मार्ग पर पहाड़ दरकने से तीन व्यक्तियों की जान चली गई थी, तभी से हाईवे पर आवागमन भी ठप है। इससे सीमांत क्षेत्र में बसे ग्रामीणों का आवागमन भी पूरी तरह बंद है। एनएच विभाग ने सड़क पर भारी मात्रा में आए मलबे को हटाने के लिए जेसीबी लगाई है।
उत्तराखंड-हिमाचल के चार जनपदों देहरादून, उत्तरकाशी, सिरमौर और शिमला जनपद के सीमावर्ती ग्रामीण इलाकों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर पिछले चार दिन से आवागमन ठप है। एनएच पर चल रहे सड़क चौड़ीकरण कार्य के चलते बीते सोमवार को मीनस बार्डर पर अचानक पहाड़ दरकने से मलबे की चपेट में आए तीन व्यक्तियों की जान चली गई। इसमें सीमांत त्यूणी तहसील के सैंज-अटाल निवासी एक वाहन स्वामी और हाइवे पर चौड़ीकरण कार्य करा रहे राजस्थान निवासी दो पेटी ठेकेदार समेत तीन व्यक्तियों की अकाल मृत्यु हो गई। जबकि सड़क कार्य में लगा एक अन्य आपरेटर गंभीर रूप से घायल है, जिसका उपचार हिमाचल के सिविल अस्पताल चौपाल में चल रहा है। मीनस बार्डर पर पहाड़ दरकने से सड़क के बीच भारी मात्रा में आए मलबे की वजह से हाईवे का कोई अता-पता नहीं है, जिससे यहां वाहनों का संचालन भी ठप पड़ गया। एनएच की ओर से मीनस बार्डर पर सड़क के बीच जमा मलबे के ढेर को हटाने में जेसीबी लगी है पर राजमार्ग को यातायात के लिए नहीं खोला जा सका। चार दिन से बंद पड़े राष्ट्रीय राजमार्ग 707 के चलते सीमांत इलाके में बसे सैकड़ों ग्रामीण जनता को आवागमन में बढ़ी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इससे सीमांत क्षेत्र के ग्रामीणों को मीलों अतिरिक्त दूरी तय कर वाया चकराता, पुरोला व रोहणाहाट होकर विकासनगर-देहरादून जाना पड़ रहा है। स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि, मीनस बार्डर पर पहाड़ से लगातार जारी भूस्खलन के चलते हाइवे खुलने में दो से तीन दिन का और समय लग सकता है। एनएच विभाग की टीम बंद पड़े राजमार्ग को खोलने में जुटी है।